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Misc. Erotica पारस्परिक हस्त मैथुन
#40
मेरी बात सुन कर सिद्धार्थ ने विस्मय की दृष्टि से मुझे देखा और फिर अपने हाथ को मेरे हाथ पर रख कर दबा दिया और बोला– अगर आप इसे ढीला पकड़ कर हिलाएँगी तो यह फिसलता ही रहेगा। आप इसे कस कर पकड़िये और जोर से हिलाइए ताकि मुझे रगड़ लगे।

जैसे सिद्धार्थ ने बताया मैंने उसी तरह उसके लिंग को कस कर पकड़ लिया और जैसा मैंने उसे हिलाते हुए देखा था वैसे ही हिलाना शुरू कर दिया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: पारस्परिक हस्त मैथुन - by neerathemall - 15-06-2022, 05:11 PM



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