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Misc. Erotica पारस्परिक हस्त मैथुन
#32
फिर उसने मुझे सीधा खड़े होने में सहायता करी और कहा- दीदी, अब तो मैं आपका हर अंग बहुत ही पास से देख चुका हूँ इसलिए अब तो इन्हें परदे में रखने का कोई औचित्य ही नहीं रह गया है। अब तो आप मुझे आपका टॉप उतारने की अनुमति भी दे ही दीजिये।

सिद्धार्थ के द्वारा दिए गए तर्क को स्वीकार करते हुए जैसे ही मैंने उसे मेरा टॉप उतारने की अनुमति प्रदान कर दी और उसने एक क्षण में ही उसे ऊँचा करते हुए मेरे शरीर से अलग कर दिया।[Image: 42909625_003_038a.jpg]
अब हम दोनों पूर्ण रूप से नग्न हो कर एक दूसरे के सम्मुख खड़े थे और एक दूसरे के अंगों को निहार रहे थे।
[Image: 72007023_014_5df9.jpg]



[Image: 44860399_010_6056.jpg]

[Image: 59998280_004_5401.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: पारस्परिक हस्त मैथुन - by neerathemall - 15-06-2022, 04:52 PM



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