15-06-2022, 04:28 PM
(15-06-2022, 04:26 PM)neerathemall Wrote: मेरी बात सुन कर सिद्धार्थ थोड़ा मायूस तो हुआ और बोला- ठीक है दीदी जैसा आप कहेंगी वैसा ही होगा। लेकिन पारस्परिक हस्त-मैथुन के लिए क्या मैं आप की पैंटी उतार सकता हूँ?
उसकी बात सुन कर मुझे थोड़ा संकोच तो हुआ लेकिन अपने आप को नियंत्रण में रखते हुए कहा- ठीक है तुम उसे उतार सकते हो।
मेरा उत्तर सुनते ही वह तुरंत फर्श पर बैठ गया और मेरी पैंटी को दोनों तरफ से पकड़ कर नीचे की ओर सरकाने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.