15-06-2022, 04:24 PM
उसकी बात सुन कर मैंने अपना निर्णय कुछ इस प्रकार दिया- तुम्हें सहयोग एवम् सहायता करने के लिए मेरे कपड़े उतारने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि वह तुम्हारी इस क्रिया में बाधा नहीं बनेगे।
फिर मैंने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा- लेकिन मेरा सहयोग सिर्फ तुम्हारे साथ हम दोनों द्वारा एक दूसरे का पारस्परिक हस्त-मैथुन तक ही सीमित रहेगा, इसलिए तुम इससे आगे बढ़ने के लिए ना तो कोशिश ही करना और ना ही कोई अनुरोध।
फिर मैंने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा- लेकिन मेरा सहयोग सिर्फ तुम्हारे साथ हम दोनों द्वारा एक दूसरे का पारस्परिक हस्त-मैथुन तक ही सीमित रहेगा, इसलिए तुम इससे आगे बढ़ने के लिए ना तो कोशिश ही करना और ना ही कोई अनुरोध।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.