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Misc. Erotica पारस्परिक हस्त मैथुन
#18
मुझे सोचते हुए देख कर सिद्धार्थ बोला– दीदी आप रिश्ते में मेरी साली यानि की आधी घरवाली भी तो हो, फिर इतना भी क्या सोचना, अगर आपकी सहमति हो तो मुझे जल्दी से आपके कपड़े उतारने की अनुमति दे दीजिये।

मैं एक कदम पीछे हटते हुए बोली- नहीं, मैं मंजू या और किसी के कहने पर नहीं आई हूँ। मुझे मेरी लघु-शंका यहाँ ले कर आई है।
मेरी बात सुन कर सिद्धार्थ बोला- दीदी, क्या आप मेरी इस क्रिया में सहयोग नहीं देंगी? मैं तो सोच रहा था की इस समय आप भी उत्तेजित हैं और मेरी जैसी समरूप क्रिया भी कर रही थी। क्यों नहीं हम दोनों पारस्परिक एक दूसरे की क्रिया में सहायता करें और आसीम आनन्द एवम् संतुष्टि पायें?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: पारस्परिक हस्त मैथुन - by neerathemall - 15-06-2022, 04:11 PM



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