15-06-2022, 04:09 PM
मैं एक साधरण परिवार की एक सामान्य युवती हूँ जिसे किसी भी अन्य युवती के तरह युवा शरीर की भूख सताती रहती है और मैं उसे मिटाने का प्रयास अपनी ऊँगली से करती भी रहती हूँ।
आज जब सिद्धार्थ ने मुझसे सहायता मांगी तो मेरे शरीर की वह भूख जाग उठी और मैं सोच में पड़ गई कि ‘क्या करूँ और क्या नहीं करूँ!’
मेरे सामने दो विकल्प थे, जिनमें से एक था कि मैं सिद्धार्थ के साथ पूरा सहयोग करूँ और यौन संसर्ग करके दोनों की भूख मिटा कर संतुष्टि पाऊँ।
आज जब सिद्धार्थ ने मुझसे सहायता मांगी तो मेरे शरीर की वह भूख जाग उठी और मैं सोच में पड़ गई कि ‘क्या करूँ और क्या नहीं करूँ!’
मेरे सामने दो विकल्प थे, जिनमें से एक था कि मैं सिद्धार्थ के साथ पूरा सहयोग करूँ और यौन संसर्ग करके दोनों की भूख मिटा कर संतुष्टि पाऊँ।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
