15-06-2022, 04:07 PM
(This post was last modified: 15-06-2022, 04:17 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मैंने उसकी बात सुन कर मुस्कराते हुए कहा– अगर तुम्हारा कार्य अथवा क्रिया समाप्त हो गई हो तो तुम बाहर जाओ ताकि मैं लघु शंका से मुक्त हो सकूँ।
तभी सिद्धार्थ बेशर्मी से अपने लिंग को हिलाता हुआ नीचे बैठ गया और बोला– दीदी, आप झूठ क्यों बोल रही हैं? आपकी गीली पैंटी तो बता रही है कि आपने भी तो वहाँ बैठे बैठे वाश-बेसिन में ही लघु-शंका कर ली है।
उसकी बात सुन कर मुझे एहसास हुआ कि उसका संकेत मेरी चौड़ी जाँघों के बीच में से दिख रही मेरी पैंटी की ओर था।
![[Image: 59998280_002_bd69.jpg]](https://cdni.pornpics.de/1280/1/76/59998280/59998280_002_bd69.jpg)
![[Image: 36115343_108_67fe.jpg]](https://cdni.pornpics.de/1280/7/6/36115343/36115343_108_67fe.jpg)
तभी सिद्धार्थ बेशर्मी से अपने लिंग को हिलाता हुआ नीचे बैठ गया और बोला– दीदी, आप झूठ क्यों बोल रही हैं? आपकी गीली पैंटी तो बता रही है कि आपने भी तो वहाँ बैठे बैठे वाश-बेसिन में ही लघु-शंका कर ली है।
उसकी बात सुन कर मुझे एहसास हुआ कि उसका संकेत मेरी चौड़ी जाँघों के बीच में से दिख रही मेरी पैंटी की ओर था।
![[Image: 59998280_002_bd69.jpg]](https://cdni.pornpics.de/1280/1/76/59998280/59998280_002_bd69.jpg)
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![[Image: 54468718_002_c419.jpg]](https://cdni.pornpics.de/1280/1/86/54468718/54468718_002_c419.jpg)
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
