15-06-2022, 03:57 PM
कुछ क्षणों के बाद भी जब सिद्धार्थ ने मुड़ कर मेरे ओर नहीं देखा और अपने लिंग को हिलाने में तल्लीन रहा तब मैं समझ गई कि सिद्धार्थ को मेरा बाथरूम में आगमन का पता ही नहीं चला था।
लगभग दो मिनट तक तो मैं वहीं खड़े हो कर उस रोमांच भरे नज़ारे को देखती रही और उसके बाद मैं जाकर वाश-बेसिन की शेल्फ पर बैठ गई तथा सिद्धार्थ की उस क्रिया को देखने में मग्न हो गई।
उसके बलवान एवम् मज़बूत मांसल शरीर बहुत आकर्षक लग रहा था, लेकिन उसका सात इंच लंबा और ढाई इंच व्यास का तना हुआ लिंग उससे भी अधिक आकर्षक लग रहा था।
लगभग दो मिनट तक तो मैं वहीं खड़े हो कर उस रोमांच भरे नज़ारे को देखती रही और उसके बाद मैं जाकर वाश-बेसिन की शेल्फ पर बैठ गई तथा सिद्धार्थ की उस क्रिया को देखने में मग्न हो गई।
उसके बलवान एवम् मज़बूत मांसल शरीर बहुत आकर्षक लग रहा था, लेकिन उसका सात इंच लंबा और ढाई इंच व्यास का तना हुआ लिंग उससे भी अधिक आकर्षक लग रहा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.