15-06-2022, 03:49 PM
कुछ माह तक उस हादसे से हताश रहने के बाद जब मैं उस सदमे से बाहर निकली तब मैंने भविष्य में कभी शादी नहीं करने की प्रतिज्ञा ली और घर वालों को अपने निर्णय से अवगत करा दिया।
घर वालों ने समझाने की बहुत कोशिश करी लेकिन मेरे अटल निश्चय के सामने सभी को घुटने टेकने पड़े और उसके बाद मैंने बीएड कर ली तथा शहर के एक कॉलेज में नौकरी करने लगी।
मेरी एक छोटी बहन है मंजू जो मुझसे तीन वर्ष छोटी है और दिखने में बहुत ही सुन्दर एवम् आकर्षक है तथा सभी उसे अप्सरा भी कहते हैं।
उसी मंजू की शादी दो वर्ष पहले एक बहुत ही बड़े और धनी एवम् संप्पन घर के एक बहुत ही स्मार्ट युवक सिद्धार्थ के साथ हो गई थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
