15-06-2022, 03:15 PM
इसके बाद वह चूत को साफ़ करने के लिए बाथरूम में चली गई और बाहर जाते जाते बोली- साब, मैं आपके लिए खाना बना देती हूँ आप खा लीजिए !
मैं उसकी बात सुन कर नंगा ही कमरे से बाहर निकल कर रसोई में गया तो देखा वह भी नंगी ही खाना बना रही थी। मैंने उसके पीछे से उसकी गर्दन पर चुम्बन किया और उसकी गांड में उंगली भी कर दी। उसने छटपटा कर चूतड़ हिलाए और मेरी उंगली को बाहर निकाल दिया और बोली- साहब, अभी खाना बनाने दीजिए, बाद में जो मर्जी कर लीजियेगा !
मैंने उसे कहा- तुम अपना खाना भी बना कर ले आना, हम दोनों साथ ही बैठकर खायेंगे।
और मैं खाने की मेज पर आकर बैठ गया और लौड़े को खड़ा करने लगा। यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉम पर पढ़ रहे हैं।
थोड़ी देर में वह खाना बना कर ले आई और मेज़ पर लगा दिया। फिर जब वह यह देख रही थी कि वह कहाँ बैठे मैंने उसके मम्मों को पकड़ कर उसे अपने पास खींच लिया और अपनी गोदी में बिठा लिया। उसने उठने की कोशिश तो की लेकिन मैंने उसे उठने ही नहीं दिया।
तब वह बोली- साहब, मुझे थोड़ी दिक्कत हो रही है, आपका लौड़ा चुभ रहा है !
मैंने कहा- अगर यह बात है तो लो अभी ठीक से सेट कर देते हैं।
मैं उसकी बात सुन कर नंगा ही कमरे से बाहर निकल कर रसोई में गया तो देखा वह भी नंगी ही खाना बना रही थी। मैंने उसके पीछे से उसकी गर्दन पर चुम्बन किया और उसकी गांड में उंगली भी कर दी। उसने छटपटा कर चूतड़ हिलाए और मेरी उंगली को बाहर निकाल दिया और बोली- साहब, अभी खाना बनाने दीजिए, बाद में जो मर्जी कर लीजियेगा !
मैंने उसे कहा- तुम अपना खाना भी बना कर ले आना, हम दोनों साथ ही बैठकर खायेंगे।
और मैं खाने की मेज पर आकर बैठ गया और लौड़े को खड़ा करने लगा। यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉम पर पढ़ रहे हैं।
थोड़ी देर में वह खाना बना कर ले आई और मेज़ पर लगा दिया। फिर जब वह यह देख रही थी कि वह कहाँ बैठे मैंने उसके मम्मों को पकड़ कर उसे अपने पास खींच लिया और अपनी गोदी में बिठा लिया। उसने उठने की कोशिश तो की लेकिन मैंने उसे उठने ही नहीं दिया।
तब वह बोली- साहब, मुझे थोड़ी दिक्कत हो रही है, आपका लौड़ा चुभ रहा है !
मैंने कहा- अगर यह बात है तो लो अभी ठीक से सेट कर देते हैं।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
![thanks thanks](https://xossipy.com/images/smilies/thanks.gif)