15-06-2022, 03:00 PM
उसने मेरा सिर पकड़ कर अपना लंड मेरे मुँह में घुसेड़ दिया.
मनीष बहुत ही उतावला लड़का था.
मैंने उसे हाथ के इशारे से मना किया और उसके सुपारे को अपने मुँह में लेकर ऐसे चूसा, जैसे लॉलीपॉप हो.
मनीष की तो जान ही हलक में फंस गयी.
मैं उसे और ज्यादा तड़पाना चाहती थी तो मैं सिर्फ सुपारे को मुँह में दबा कर चूस रही थी.
कभी उसे दांतों से दबा लेती तो कभी उसके छेद में जीभ को नुकीला करके मनीष को तड़पा रही थी.
मनीष ज्यादा देर तक मुझे झेल नहीं पाया और उसने जबरदस्ती मेरे मुँह से लंड निकाल कर मुझे किचन की स्लैब पर झुका दिया.
बिजली की फुर्ती से उसने अपना लंड मेरी चूत पर लगा कर मेरे दूध पकड़ लिए.
मैं अपनीचूत पर उसके लंड का अहसास पाते ही घबरा गई.
मनीष बहुत ही उतावला लड़का था.
मैंने उसे हाथ के इशारे से मना किया और उसके सुपारे को अपने मुँह में लेकर ऐसे चूसा, जैसे लॉलीपॉप हो.
मनीष की तो जान ही हलक में फंस गयी.
मैं उसे और ज्यादा तड़पाना चाहती थी तो मैं सिर्फ सुपारे को मुँह में दबा कर चूस रही थी.
कभी उसे दांतों से दबा लेती तो कभी उसके छेद में जीभ को नुकीला करके मनीष को तड़पा रही थी.
मनीष ज्यादा देर तक मुझे झेल नहीं पाया और उसने जबरदस्ती मेरे मुँह से लंड निकाल कर मुझे किचन की स्लैब पर झुका दिया.
बिजली की फुर्ती से उसने अपना लंड मेरी चूत पर लगा कर मेरे दूध पकड़ लिए.
मैं अपनीचूत पर उसके लंड का अहसास पाते ही घबरा गई.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.