15-06-2022, 02:58 PM
थोड़ी देर बाद उसने अपने दोनों हाथों से मेरी चूत के दोनों होंठों को फैला दिया और अपनी जीभ और दांतों से मेरी चूत और भग्नासा को काटने चाटने लगा.
मैं इतनी गीली हो चुकी थी कि क्या कहूँ … ऐसा लगने लगा था, जैसे मेरी जान ही निकल जाएगी.
थोड़ी देर बाद उसने मेरी चूत को और फैला दिया, तो मैं कराह उठी.
फिर वो अपनी जीभ को मेरी चूत के छेद में धकेलने लगा.
उसके इस तरह करने से मैं और भी उत्तेजित हो रही थी और ऐसा लगने लगा था कि अब ये मुझे ऐसे ही झड़ जाने पर मजबूर कर देगा.
मैंने उसके सर को पकड़ा और बालों को खींचते हुए ऊपर उठाने का प्रयास करने लगी ताकि हम चुदाई शुरू करें!
पर वो मेरी चूत से हिलने को तैयार नहीं था.
तभी उसने मेरी दोनों टांगों को उठा कर अपने कंधों पर रख लिया और अपना मुँह मेरी चूत से चिपका कर चूसने लगा.
वो चूत ऐसे पी रहा था जैसे रस पीना चाहता हो.
मैं इतनी गीली हो चुकी थी कि क्या कहूँ … ऐसा लगने लगा था, जैसे मेरी जान ही निकल जाएगी.
थोड़ी देर बाद उसने मेरी चूत को और फैला दिया, तो मैं कराह उठी.
फिर वो अपनी जीभ को मेरी चूत के छेद में धकेलने लगा.
उसके इस तरह करने से मैं और भी उत्तेजित हो रही थी और ऐसा लगने लगा था कि अब ये मुझे ऐसे ही झड़ जाने पर मजबूर कर देगा.
मैंने उसके सर को पकड़ा और बालों को खींचते हुए ऊपर उठाने का प्रयास करने लगी ताकि हम चुदाई शुरू करें!
पर वो मेरी चूत से हिलने को तैयार नहीं था.
तभी उसने मेरी दोनों टांगों को उठा कर अपने कंधों पर रख लिया और अपना मुँह मेरी चूत से चिपका कर चूसने लगा.
वो चूत ऐसे पी रहा था जैसे रस पीना चाहता हो.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.