15-06-2022, 02:57 PM
मनीष- नहीं, वो बात नहीं है … दरअसल वो जल्दी झड़ जाती है, फिर वो आगे और करने नहीं देती. फिर वो आपकी तरह इतनी खुली भी नहीं है. जैसे आप चूत लंड बोल रही हो, वैसे वो नहीं बोलती. वो शर्माती बहुत है. ऊपर से उसका ऑपरेशन होने के बाद उसकी चूत बहुत खुली खुली सी हो गयी है.
मैं मनीष को छेड़ती हुई बोली- एक काम करो, अपनी बीवी को कुछ दिनों के लिए मेरे पति के पास छोड़ दो, वो पूरा खोल देंगे.
मनीष- फिलहाल तो मैं उनकी बीवी को अच्छी तरह से खोल देना चाहता हूँ.
उसने किचन में ही मेरा गाउन उतार कर फेंक दिया.
मैं ‘रुको रुको …’ ही करती रह गयी.
उसने मुझे स्लैब के सहारे झुका दिया और पीछे से मेरे दूध दबाते हुए मेरी पूरी पीठ पर चूमने लगा.
उसके हाथ मेरे पूरे शरीर पर घूम रहे थे और उसकी जीभ मेरी पीठ से होते हुए मेरे चूतड़ों पर घूम रही थी जिससे मेरी टांगें खुद ब खुद फैलती जा रही थीं.
अब उसने मुझे पलट दिया.
वो मेरी दोनों टांगों के बीच बैठा था और मेरी चूत में उंगली कर रहा था.
उसने पहले मेरी नाभि और पेट में ढेर सारा चुम्बन किए, फिर मेरी चूत पर अपनी जीभ फिराने लगा.
मैं मनीष को छेड़ती हुई बोली- एक काम करो, अपनी बीवी को कुछ दिनों के लिए मेरे पति के पास छोड़ दो, वो पूरा खोल देंगे.
मनीष- फिलहाल तो मैं उनकी बीवी को अच्छी तरह से खोल देना चाहता हूँ.
उसने किचन में ही मेरा गाउन उतार कर फेंक दिया.
मैं ‘रुको रुको …’ ही करती रह गयी.
उसने मुझे स्लैब के सहारे झुका दिया और पीछे से मेरे दूध दबाते हुए मेरी पूरी पीठ पर चूमने लगा.
उसके हाथ मेरे पूरे शरीर पर घूम रहे थे और उसकी जीभ मेरी पीठ से होते हुए मेरे चूतड़ों पर घूम रही थी जिससे मेरी टांगें खुद ब खुद फैलती जा रही थीं.
अब उसने मुझे पलट दिया.
वो मेरी दोनों टांगों के बीच बैठा था और मेरी चूत में उंगली कर रहा था.
उसने पहले मेरी नाभि और पेट में ढेर सारा चुम्बन किए, फिर मेरी चूत पर अपनी जीभ फिराने लगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.