15-06-2022, 02:43 PM
मैं- जानेमन, मुझे तुम्हारा शरीर का हर हिस्सा प्यारा लगता है और चूतड़ों का इलाका तो सबसे ज़्यादा मजा देता है. तुम बस लेटी रहो … और मज़ा लो. सच बताओ … तुम्हें रजत के साथ मज़ा आता है या मेरे साथ?
भाभी- अरे, मज़ा तो आज ही लिया है यार, वरना अब तक तो मैं बस सेक्स कर रही थी. आंह असली मज़ा तो आज तुमने दिया है संजय … बस फिर से पेल दो मेरी चूत में अपना लंड यार … आह चोद डालो मुझे अच्छे से … मेरी जान … आज के बाद जब भी तुम कहोगे, मैं उसी टाइम तुम्हारे लिए अपनी सलवार का नाड़ा खोल दूंगी … तुम्हारा जब मन करे, तब मेरी चूत का भोग लगा लेना. आज से तुम अपने लंड को समझा देना कि अपना पानी बाथरूम में ना बहाए, उसका जब मन करे मेरी चूत की नाली में छोड़ दे. हाईईईई संजय … कहां थे अभी तक यार …
मैं- जानेमन, अब तो मैं सारी उम्र तुम्हारी चूत को भोगूंगा … तुम्हारे चिकने बदन को खा जाया करूंगा जानेमन.
फिर मैंने पीछे से आकर भाभी की चूत में अपना लंड डाल दिया और दोनों हाथों से उनके चुचे पकड़ लिए. मैं उनकी गर्दन को चूमने लगा.
भाभी- आह संजय … तुम तो गजब हो यार … सच में जन्नत दिखा रहे हो.
थोड़ी देर बाद भाभी ने मुझे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया और मेरे ऊपर आकर बैठ गईं. भाभी ने अपनी चूत में मेरा लंड सैट किया और धीरे से पूरा लंड चुत के अन्दर घुसा लिया. पूरा लंड अन्दर लेने के बाद भाभी धीरे धीरे गांड हिलाने लगीं. मैंने भी उनके उछलते हुए चुचों को पकड़ लिया और मसलने लगा.
भाभी- आंह उफ़ … संजय … कितना मज़ा आ रहा है यार … तुम्हारा लंड तो मेरी बच्चेदानी तक पहुंच रहा है … आह अब तो जब जब मेरा मन करेगा, मैं तुम्हारी पैंट की ज़िप को खोल लूंगी, तुम्हारा लंड निकाल लूंगी और अपनी चूत में ले लूंगी. आह चोदो मेरी जान … मैं बस जाने वाली हूँ..
मैं- हां शशि … बस मेरा भी निकलने वाला है … क्या करूं?
भाभी- अन्दर मत निकालना प्लीज़, गड़बड़ हो सकती है.
फिर भाभी ने झटके से मेरा लंड अपनी चूत से बाहर निकाला और गॅप से अपने मुँह में ले लिया. इतनी सफाई पसंद लड़की मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी.
भाभी- अरे, मज़ा तो आज ही लिया है यार, वरना अब तक तो मैं बस सेक्स कर रही थी. आंह असली मज़ा तो आज तुमने दिया है संजय … बस फिर से पेल दो मेरी चूत में अपना लंड यार … आह चोद डालो मुझे अच्छे से … मेरी जान … आज के बाद जब भी तुम कहोगे, मैं उसी टाइम तुम्हारे लिए अपनी सलवार का नाड़ा खोल दूंगी … तुम्हारा जब मन करे, तब मेरी चूत का भोग लगा लेना. आज से तुम अपने लंड को समझा देना कि अपना पानी बाथरूम में ना बहाए, उसका जब मन करे मेरी चूत की नाली में छोड़ दे. हाईईईई संजय … कहां थे अभी तक यार …
मैं- जानेमन, अब तो मैं सारी उम्र तुम्हारी चूत को भोगूंगा … तुम्हारे चिकने बदन को खा जाया करूंगा जानेमन.
फिर मैंने पीछे से आकर भाभी की चूत में अपना लंड डाल दिया और दोनों हाथों से उनके चुचे पकड़ लिए. मैं उनकी गर्दन को चूमने लगा.
भाभी- आह संजय … तुम तो गजब हो यार … सच में जन्नत दिखा रहे हो.
थोड़ी देर बाद भाभी ने मुझे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया और मेरे ऊपर आकर बैठ गईं. भाभी ने अपनी चूत में मेरा लंड सैट किया और धीरे से पूरा लंड चुत के अन्दर घुसा लिया. पूरा लंड अन्दर लेने के बाद भाभी धीरे धीरे गांड हिलाने लगीं. मैंने भी उनके उछलते हुए चुचों को पकड़ लिया और मसलने लगा.
भाभी- आंह उफ़ … संजय … कितना मज़ा आ रहा है यार … तुम्हारा लंड तो मेरी बच्चेदानी तक पहुंच रहा है … आह अब तो जब जब मेरा मन करेगा, मैं तुम्हारी पैंट की ज़िप को खोल लूंगी, तुम्हारा लंड निकाल लूंगी और अपनी चूत में ले लूंगी. आह चोदो मेरी जान … मैं बस जाने वाली हूँ..
मैं- हां शशि … बस मेरा भी निकलने वाला है … क्या करूं?
भाभी- अन्दर मत निकालना प्लीज़, गड़बड़ हो सकती है.
फिर भाभी ने झटके से मेरा लंड अपनी चूत से बाहर निकाला और गॅप से अपने मुँह में ले लिया. इतनी सफाई पसंद लड़की मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.