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Adultery पड़ोस की भाभी
#11
मैं- शशि … तुम बहुत मस्त हो … यार … कसम से मैं तो मर ही गया.

भाभी- उन्हह … मार ही डालोगे क्या संजय … मैं कांप रही हूँ … मुझे ऐसा लग रहा है … जैसे ये सब आज मैं पहली बार कर रही हूँ … लव यू संजय … आह खा जाओ मुझे आज.
मैंने धीरे से भाभी की पैंटी उतारना शुरू कर दी. भाभी ने खुद अपने चूतड़ उठाकर मेरी मदद की. मैंने भाभी की पैंटी उतार दी और उनकी चूत पर अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया.
भाभी- हाईईईई संजय … तुम तो पागल कर दोगे यार … कितना मस्त सेक्स करते हो … रजत ने तो कभी इतना मज़ा नहीं दिया मुझे … आह.
मैं- शशि मेरी जान … चिंता ना करो, मैं तुम्हें जिंदगी के ऐसे मज़े दूंगा कि हमेशा याद रखोगी.
भाभी- हां संजय … ऐसे ही मेरे साथ रहना. अकेलापन मुझे खा जाता है यार … मैंने भी यही सोचा था कि मैं अकेलेपन को क्यों खा जाने दूं … अपनी जवानी तुम्हें ना खिला दूं. हाईईईई संजय … लव यू जान.
मैंने भाभी की चूत को बहुत चूसा और धीरे से उनका गाउन पूरी तरह से उनके बदन से अलग कर दिया. भाभी का मस्त यौवन अब एक ब्रा में क़ैद था. मैंने धीरे से उन्हें उठाया और सीने से लगा कर भाभी की ब्रा का हुक खोल दिया. ब्रा ने चूचों को आजादी दे दी थी.
अब भाभी मेरे सामने एकदम नंगी पड़ी थीं. उन्हीं के बिस्तर में आज मैं भाभी को चोदने वाला था. मैंने सोचा कि उस दिन भाभी मुझसे कप को साफ़ करके चाय पिलाने को कह रही थीं … आज देखो अपने बिस्तर में मेरे सामने एकदम नंगी हैं और आज ये मेरे लौड़े का पानी भी पियेंगी. मैं दिल ही दिल में बहुत खुश हो रहा था.
मैंने भाभी के मम्मों को चूसना शुरू किया. गजब के टाइट मम्मे थे. बेबी होने के बावजूद एकदम कसे हुए थे. उनमें दूध भी आ रहा था.
मैं- शशि, लगता है रजत ने कभी तुम्हारे जिस्म को चूसा ही नहीं है.
भाभी- हां यार, उसमें ताक़त तो है पर कभी मेरी मुनिया को चूसता ही नहीं है, बस सीधा पेल कर सेक्स करने लगता है. आह तुम तो गजब कर रहे हो संजू … आह लगता है तुमको बहुत अनुभव है … कहां से सीखा?
मैं- अन्तर्वासना वेबसाइट से सब पता चल जाता है जानेमन.
मैंने भाभी के मम्मों को चूसा और उनके दूध का भी मजा लिया. फिर मैंने उन्हें उल्टा लिटा दिया. अब भाभी के मस्त मोटे मोटे नंगे चूतड़ मेरे सामने थे. जिनके मैं सपने देखता था, आज वो नंगे मेरे सामने थे. मैंने भाभी के चूतड़ों पर अपना गाल फिराया और उन्हें चूसना शुरू कर दिया. इससे तो भाभी बिल्कुल पागल हो गयी थीं.
भाभी- आह संजू तूने मुझे तो पूरा नंगा कर दिया और अपना एक भी कपड़ा नहीं उतारा … ये तो ग़लत है यार.
मैंने भाभी से कहा कि तुम्हें रोका किसने है जान.
मेरी बात सुनकर भाभी उठीं और मेरी टी-शर्ट को उतार दिया, साथ ही बनियान को भी उतार दिया. फिर मुझे झटके से धक्का बिस्तर पर देकर लिटा दिया और मेरी छाती पर चूमने लगीं.
भाभी- उम्म्हा … मुझे मर्द की छाती पर बाल बहुत पसंद है संजय … रजत के कम हैं, तुम्हारे तो बहुत हैं. आह मुझे इनमें उंगलियां फिरा कर बड़ा मज़ा आता है.
मैं आराम से लेट गया और बाजी भाभी ने अपने हाथ में ले ली. वो अपने गालों को मेरी छाती पर फिराने लगीं. मैं आंख बंद करके भाभी की कोमलता को फील करने लगा.
फिर भाभी धीरे धीरे मेरे पेट की तरफ जाने लगीं. मैं तो मदहोश हो गया था. वो एकदम पागलों की तरह मेरे पेट पर चूम रही थीं. मुझे एहसास हुआ कि ये तो बहुत प्यासी हैं, भाभी को लंड की बहुत ज़रूरत है. वैसे भी भाभी की अभी सिर्फ़ 27 साल की उम्र थी. हालांकि वो लंड का मज़ा चख चुकी थीं. लेकिन बिना लंड के इतने इतने दिन तक कैसे रहती होंगी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: पड़ोस की भाभी - by neerathemall - 15-06-2022, 02:39 PM



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