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Adultery पड़ोस की भाभी
#5
Big Grin Tongue
मैंने उनको कमर से पकड़ा और अपने साथ चिपका लिया. मैं उनकी कमर पर हाथ फिराने लगा, फिर बिना कुछ बोले उनके कान के नीचे किस कर दिया. उन्होंने आंख बंद ली. मैंने उनके गालों को चूमा और दोनों हाथों में उनके गालों को लेकर, उनके होंठों पर किस कर दिया.

हम दोनों बिना कुछ बोले खड़े रहे और दोनों के शरीर उत्तेजना से कांपने लगे. ये गजब का एहसास था. एक तरीके से वो भी अनटच थीं, तो भाभी का कांपना जायज़ था.
हमें बात करते हुए अब तक करीब 6 महीने हो चुके थे. हम दोनों बहुत नज़दीक आ चुके थे. बस शुरुआत नहीं हो रही थी, जो आज हो गयी थी. अब पड़ोसन भाभी की चुदाई सुनिश्चित थी.
हम दोनों ऐसे ही गले लगे हुए खड़े थे. मैं भाभी की कमर पर हाथ फिरा रहा था. उन्होंने भी मुझे कमर पकड़ लिया था. मेरे 5’7″ कद के कारण उनका सर मेरे कंधे पर आ रहा था. मेरा 7 इंच का लंड खड़ा हो गया था, जो उनको अच्छे से फील हो रहा था. हम दोनों को मज़ा आ रहा था.
मैं- भाभी आज तो मेरी किस्मत खुल गयी … मैं सबसे लकी इंसान हूँ.
भाभी- प्लीज़ शशि कहो मुझे!
मैं- शशि, मैं एक बात पूछ सकता हूँ?
भाभी- हां, अब तुम कुछ भी पूछ सकते हो और अपने मन की कुछ भी बता सकते हो.
मैं- थैंक्स, मुझे लगा आप मेरी गर्लफ्रेंड नहीं बनोगी. उस दिन के बाद मैंने आस ही छोड़ दी थी … मगर मैं ग़लत था.
भाभी- संजय, तुम बहुत समझदार और केयरिंग हो. पिछले 6 महीनों में मैंने तुम्हें काफी करीब से देखा है. तुमने कभी कोई ग़लत हरकत नहीं की, जब कि तुम जानते थे कि मैं ज़्यादातर अकेली ही रहती हूँ. तुम्हारे मन में मेरे लिए कुछ भी आया, तो तुमने इज़्ज़त से मुझे बताया और मेरे विचारों का भी ध्यान रखा. आज एक महीना हो गया है, उस दिन मैंने बात को टाल दिया. तुमने आज तक कुछ नहीं कहा, ये मुझे बहुत अच्छा लगा.
मैं भाभी को सुने जा रहा था.
भाभी- तुम मेरा बहुत ध्यान रखते हो, रजत के ना होने के बावजूद मैंने 6 महीने से अपने आपको कभी अकेला नहीं पाया. दूसरे मुझे लगता है कि तुम्हारे साथ मैं सेफ रहूंगी, कभी भी मेरी फैमिली लाइफ डिस्टर्ब नहीं होगी. इसीलिए मुझे तुम अच्छे लगने लगे हो. प्लीज़ संजय, प्रॉमिस करो कि तुम हमेशा मुझे और मेरी फैमिली को सेफ रखोगे. चाहे कुछ भी हो जाए, हम दोनों की बात को राज रखोगे, वरना मेरी जिंदगी और घर दोनों बर्बाद हो जाएंगे. मैंने तुम पर यकीन किया है, प्लीज़ इस भरोसे को तोड़ना नहीं.
मैं- शशि, आई लव यू. मैं प्रॉमिस करता हूँ कि मैं हमेशा तुम्हारा ध्यान रखूंगा. तुम्हें कभी शिकायत नहीं होने दूँगा और जैसे मैंने कहा था कि रजत भैया के होने पर मैं ना ही मैसेज करूंगा, ना ही मिलूंगा. तुम्हें ठीक लगे, तो ही मुझे मैसेज करना या मिलना.
भाभी- ओ संजय … यू आर सो स्वीट. … जानते हो, रजत के अलावा तुम पहले आदमी हो, जिसके गले मैं लगी हूँ. आह … अच्छा अब हटो, मुझे कुछ काम करने दो.
मैं- प्लीज़ शशि, रहने दो ना ऐसे ही … काश टाइम रुक जाए.
भाभी- ओ महाराज … प्लीज़ हटो अभी, मुझे काम करना है.
मैं- शशि, आज साथ में डिनर करें?
भाभी- मैं बाहर नहीं जाने वाली.
मैं- घर पर ही कुछ बना लेते है, कल शनिवार है … मेरा ऑफ है, बहुत सारी बातें करेंगे.
भाभी- ठीक है … अभी तुम जाकर फ्रेश हो लो. तुम 7 बजे नीचे आ जाना.
मैं- जाने का मन तो नहीं है, पर आपका आदेश मानना हो पड़ेगा.
मैं ऊपर आ गया, मैं बहुत खुश था. नहाते हुए मैंने अपने लंड को देखा और उसे हिलाते हुए कहा- खुश हो जा भाई, तेरी किस्मत में साफ़ सुथरी, सुंदर और गजब की सिंगल हैंडड चूत लिखी है. आज नहीं तो कल मिल ही जाएगी.
मैं सोच कर खुश हो रहा था और अपनी किस्मत पर फख्र कर रहा था कि जिस पड़ोसन भाभी की चुदाई के मैं सपने देखता था, वो शशि भाभी बिस्तर में मेरे लंड के नीचे नंगी लेटेंगी और मैं उनकी मस्त करारी चूत में अपना लंड पेलूंगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: पड़ोस की भाभी - by neerathemall - 15-06-2022, 02:35 PM



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