15-06-2022, 12:55 PM
मैंने भी उनकी गांड में थप्पड़ मारे और लौड़ा चुत की जड़ तक पेलते हुए कहा- ले भैन की लौड़ी साली … चुदक्कड़ ले लंड खा रांड.
अब पूरे रूम में हम दोनों की चुदाई का घमासान शुरू हो गया था. कोई भी हार मानने को राजी नहीं था.
‘फच फचफच … उन्ह आह उह आह ..’ की मादक आवाजें ही सुनाई दे रही थीं.
हम दोनों ने बीस मिनट तक चुदाई की और एक साथ झड़ कर शांत हो गए.
इसके बाद बुआ ने मुझे चूमा और हम दोनों ने पूरी रात चार बार चुदाई की.
हम दोनों सुबह 4 बजे सोये.
चार बार की चुदाई के बाद मेरी बुआ ने मेरे होंठ पर प्यारा सा चुम्बन दिया और सो गईं.
उनके चेहरे पर मुझे वो खुशी और संतुष्टि दिखी, जिसकी वो तलबगार थीं.
इसके अगले दिन हम दोनों ने काम से छुट्टी ले ली. दिन में दस बजे एक साथ उठकर ऐसे ही नंगे बाथरूम में गए.
वहां मैंने शॉवर ऑन कर दिया. फिर से हमारे जिस्म भड़क उठे और मैंने शॉवर के नीचे बुआ को कुतिया बना कर उनकी खूब चुदाई की.
बुआ खुद से बोलीं- योगी, अब मेरी पीछे की दुकान भी चालू कर दे.
मैंने बुआ की ख्वाहिश पूरी करते हुए उनकी गांड भी मारी.
फिर हम दोनों नहा-धोकर बाहर आ गए. बुआ ने सिर्फ एक फ्रॉक पहन ली और मैंने सिर्फ फ्रेंची पहन ली.
हम दोनों ने नाम मात्र के कपड़े पहने थे. बुआ ने नाश्ता बनाया और हम दोनों ने साथ में नाश्ता किया.
फिर वो बगल में रहने वाली अपनी एक सहेली को पूरी रात हुई चुदाई के बारे में बताने के लिए चली गईं.
बुआ की ये सहेली एक ब्लैक ब्यूटी थी. बड़ी मस्त कांटा माल थी. मैंने सोच लिया था कि एक दिन इसकी चुत को चोद कर मजा लूंगा.
इधर मुझे बड़ी बुआ का फोन आया, तो मैंने उन्हें रात में हुई चुदाई की कहानी को सिलसिलेवार बता दिया.
बुआ को ये सब सुनकर कम अच्छा लगा मगर उन्होंने कुछ कहा नहीं.
अब पूरे रूम में हम दोनों की चुदाई का घमासान शुरू हो गया था. कोई भी हार मानने को राजी नहीं था.
‘फच फचफच … उन्ह आह उह आह ..’ की मादक आवाजें ही सुनाई दे रही थीं.
हम दोनों ने बीस मिनट तक चुदाई की और एक साथ झड़ कर शांत हो गए.
इसके बाद बुआ ने मुझे चूमा और हम दोनों ने पूरी रात चार बार चुदाई की.
हम दोनों सुबह 4 बजे सोये.
चार बार की चुदाई के बाद मेरी बुआ ने मेरे होंठ पर प्यारा सा चुम्बन दिया और सो गईं.
उनके चेहरे पर मुझे वो खुशी और संतुष्टि दिखी, जिसकी वो तलबगार थीं.
इसके अगले दिन हम दोनों ने काम से छुट्टी ले ली. दिन में दस बजे एक साथ उठकर ऐसे ही नंगे बाथरूम में गए.
वहां मैंने शॉवर ऑन कर दिया. फिर से हमारे जिस्म भड़क उठे और मैंने शॉवर के नीचे बुआ को कुतिया बना कर उनकी खूब चुदाई की.
बुआ खुद से बोलीं- योगी, अब मेरी पीछे की दुकान भी चालू कर दे.
मैंने बुआ की ख्वाहिश पूरी करते हुए उनकी गांड भी मारी.
फिर हम दोनों नहा-धोकर बाहर आ गए. बुआ ने सिर्फ एक फ्रॉक पहन ली और मैंने सिर्फ फ्रेंची पहन ली.
हम दोनों ने नाम मात्र के कपड़े पहने थे. बुआ ने नाश्ता बनाया और हम दोनों ने साथ में नाश्ता किया.
फिर वो बगल में रहने वाली अपनी एक सहेली को पूरी रात हुई चुदाई के बारे में बताने के लिए चली गईं.
बुआ की ये सहेली एक ब्लैक ब्यूटी थी. बड़ी मस्त कांटा माल थी. मैंने सोच लिया था कि एक दिन इसकी चुत को चोद कर मजा लूंगा.
इधर मुझे बड़ी बुआ का फोन आया, तो मैंने उन्हें रात में हुई चुदाई की कहानी को सिलसिलेवार बता दिया.
बुआ को ये सब सुनकर कम अच्छा लगा मगर उन्होंने कुछ कहा नहीं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.