15-06-2022, 12:48 PM
मैंने एक ही झटके में बुआ की पैंटी में उंगलियां फंसाईं और पैंटी बाहर निकाल दी.
बुआ की लिसलिसाती चूत मेरे सामने थी.
मैंने बुआ की चुत के दाने को उंगलियों से पकड़ कर मींजा.
तो बुआ आह करते हुए बोलीं- आह इसी को ठीक से मसल दे … मेरे पूरे शरीर का दर्द यहीं है. इसी को रगड़ कर शांत कर दे.
मैंने कहा- बुआ इसके लिए उंगली से काम नहीं बनेगा.
बुआ मदांध स्वर में बोलीं- तो लौड़े से रगड़ दे. पर खुजली मिटा दे.
ये सुनते ही मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और नंगा हो गया.
मैंने बुआ को भी नंगी कर दिया.
वो खुद चुदवाने के लिए मचली जा रही थीं. मैंने अपनी नंगी बुआ को अपनी बांहों में ले लिया और उनके होंठों को बेतहाशा चूमने लगा.
बुआ भी मुझसे चूमाचाटी में मस्त हो गईं.
फिर मैंने बुआ के शरीर के हर अंग को चूमा. उनके दूध चूसे और निप्पल खींचते हुए उनकी चुदास बढ़ा दी.
बुआ चुदने के लिए बेहद गर्मा रही थीं और मुझसे चोदने के लिए कहे जा रही थीं.
मैंने नीचे आते हुए उनकी चूत को चाटा तो बुआ बोलीं- मुझको भी मजा लेना है.
बुआ की लिसलिसाती चूत मेरे सामने थी.
मैंने बुआ की चुत के दाने को उंगलियों से पकड़ कर मींजा.
तो बुआ आह करते हुए बोलीं- आह इसी को ठीक से मसल दे … मेरे पूरे शरीर का दर्द यहीं है. इसी को रगड़ कर शांत कर दे.
मैंने कहा- बुआ इसके लिए उंगली से काम नहीं बनेगा.
बुआ मदांध स्वर में बोलीं- तो लौड़े से रगड़ दे. पर खुजली मिटा दे.
ये सुनते ही मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और नंगा हो गया.
मैंने बुआ को भी नंगी कर दिया.
वो खुद चुदवाने के लिए मचली जा रही थीं. मैंने अपनी नंगी बुआ को अपनी बांहों में ले लिया और उनके होंठों को बेतहाशा चूमने लगा.
बुआ भी मुझसे चूमाचाटी में मस्त हो गईं.
फिर मैंने बुआ के शरीर के हर अंग को चूमा. उनके दूध चूसे और निप्पल खींचते हुए उनकी चुदास बढ़ा दी.
बुआ चुदने के लिए बेहद गर्मा रही थीं और मुझसे चोदने के लिए कहे जा रही थीं.
मैंने नीचे आते हुए उनकी चूत को चाटा तो बुआ बोलीं- मुझको भी मजा लेना है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.