15-06-2022, 12:44 PM
बाजार से आकर मैं अपने कमरे में चला गया और रात को डिनर के बाद हम दोनों सोने चले गए.
बुआ ने उस रात कुछ भी जाहिर नहीं किया. इससे मुझे समझ नहीं आया कि ये क्या चाह रही हैं.
फिर अगले दिन वो काम से वापस आईं तो शाम गहरा गई थी.
मैं भी आ गया था.![[Image: 97210569_046_a8f0.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/80/97210569/97210569_046_a8f0.jpg)
बुआ ने अपने कपड़े बदले और वो एक टी-शर्ट लोअर में आकर खाना बनाने लगीं.
उनकी टी-शर्ट से उनके मदमस्त मम्मे मुझे गर्म कर रहे थे.
मगर मैं सजग था, अपनी तरफ से कुछ भी ऐसा जाहिर नहीं कर रहा था कि मुझे बुआ के साथ कुछ करने का मन है.
हम दोनों ने खाना खाया, फिर बुआ टीवी चालू करके सोफे पर लेट गईं.
मैं भी उनके सामने वाले सोफे पर बैठ गया.![[Image: 97210569_047_a8f0.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/80/97210569/97210569_047_a8f0.jpg)
तभी पूजा बुआ ने मुझे बुलाया और बोलीं- योगी आज तू मेरे पैरों की मालिश कर दे, मैं बहुत थक गई हूँ. और आज तू मेरे कमरे में ही सो जाना, मुझे अकेला अच्छा नहीं लगता है.
उन्होंने ये कहा, तो मैंने उनसे हामी भरते हुए कह दिया- ठीक है बुआ, मैं आपके पैर दबा देता हूँ. आपने ये बात इतने दिनों से क्यों नहीं बोली कि आपको अकेले सोने में अच्छा नहीं लगता है.
बुआ बोलीं- बेटा मैं बोलना तो चाहती थी … पर मैं तुमसे बोल ही नहीं पाई.
मैंने कहा- अरे बुआ, अपने भतीजे से काहे का डर.
फिर उन्होंने कहा- चल वो सब छोड़, आज तू मेरे शरीर की अच्छी से मालिश कर दे.
मैंने उनसे हंस कर कहा- आपने तो अभी पैर दबाने का कहा था, पर अभी पूरे शरीर की मालिश करने का कह रही हैं.
उन्होंने भी मस्ती से मुझे निहारा और वासना से कहा- अरे गलती से शरीर बोल दिया. चल तू पैर ही दबा दे.![[Image: 97210569_051_359c.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/80/97210569/97210569_051_359c.jpg)
मैंने कहा- तो यहीं सोफे पर कैसे होगा. आप कमरे में चलिए, मैं वहीं ठीक से आपकी मालिश कर देता हूँ.
ये कह कर मैं उनके कमरे की तरफ जाने लगा.
बुआ भी उठ गईं और उन्होंने कमरे में जाकर बिस्तर पर लेटते हुए अपनी साड़ी और पेटीकोट को घुटनों के ऊपर तक चढ़ा दिया.
मुझे उनकी अधनंगी जवानी के दीदार होने लगे.![[Image: 97210569_060_1f54.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/80/97210569/97210569_060_1f54.jpg)
मैं तेल की शीशी लेकर बुआ की टांगों के पास बैठ गया और उनके पैरों में तेल लगा कर मालिश करने लगा.
उनको बहुत मजा आने लगा तो वो बोलीं- मेरा पेटीकोट ऊपर करके मेरी जांघों को भी मसल दे.
मैंने हामी भरते हुए ढेर सारा तेल उनकी जांघों पर गिराया और बुआ की चिकनी जांघों की मालिश करने लगा.
कुछ ही देर में बुआ ने अपनी दोनों टांगों को कुछ इस तरह से फैला दिया, जिससे मुझे उनकी चूत की दरार साफ दिखने लगी थी.![[Image: 97210569_056_31a2.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/80/97210569/97210569_056_31a2.jpg)
मैंने ध्यान दिया कि बुआ ने चुत के ऊपर एक थोंग पहनी हुई थी, जिसकी डोरी चुत की फांकों में घुसी हुई थी.
मैंने चुत को देखा तो बुआ ने कनखियों से मुझे ताड़ा और कुछ पैर और फैला दिए.
उन्होंने मुझसे कहा- बड़ा अच्छा लग रहा है … तू थोड़ा और ऊपर तक मालिश कर.
मैंने बुआ की पूरी साड़ी और पेटीकोट ऊपर पेट तक चढ़ा दिया.![[Image: 97210569_054_28b6.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/80/97210569/97210569_054_28b6.jpg)
बुआ मुस्कुराते हुए बोलीं- बदमाश ये क्या कर रहा है. अपनी बुआ की वो देखता है … शर्म नहीं आती.
मैंने बुआ को देखा और ढेर सारा तेल लेकर उनकी चूत की दरार में डाल दिया और हाथ से बुआ की चुत को रगड़ना चालू कर दिया.
मैंने उनसे कहा- आपने मुझसे छुपाया क्या है … सब तो खुला पड़ा है.
बुआ भी हंसने लगीं और बोलीं- हां, तुझसे क्या छिपाना.
बुआ ने उस रात कुछ भी जाहिर नहीं किया. इससे मुझे समझ नहीं आया कि ये क्या चाह रही हैं.
फिर अगले दिन वो काम से वापस आईं तो शाम गहरा गई थी.
मैं भी आ गया था.
![[Image: 97210569_046_a8f0.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/80/97210569/97210569_046_a8f0.jpg)
बुआ ने अपने कपड़े बदले और वो एक टी-शर्ट लोअर में आकर खाना बनाने लगीं.
उनकी टी-शर्ट से उनके मदमस्त मम्मे मुझे गर्म कर रहे थे.
मगर मैं सजग था, अपनी तरफ से कुछ भी ऐसा जाहिर नहीं कर रहा था कि मुझे बुआ के साथ कुछ करने का मन है.
हम दोनों ने खाना खाया, फिर बुआ टीवी चालू करके सोफे पर लेट गईं.
मैं भी उनके सामने वाले सोफे पर बैठ गया.
![[Image: 97210569_047_a8f0.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/80/97210569/97210569_047_a8f0.jpg)
तभी पूजा बुआ ने मुझे बुलाया और बोलीं- योगी आज तू मेरे पैरों की मालिश कर दे, मैं बहुत थक गई हूँ. और आज तू मेरे कमरे में ही सो जाना, मुझे अकेला अच्छा नहीं लगता है.
उन्होंने ये कहा, तो मैंने उनसे हामी भरते हुए कह दिया- ठीक है बुआ, मैं आपके पैर दबा देता हूँ. आपने ये बात इतने दिनों से क्यों नहीं बोली कि आपको अकेले सोने में अच्छा नहीं लगता है.
बुआ बोलीं- बेटा मैं बोलना तो चाहती थी … पर मैं तुमसे बोल ही नहीं पाई.
मैंने कहा- अरे बुआ, अपने भतीजे से काहे का डर.
फिर उन्होंने कहा- चल वो सब छोड़, आज तू मेरे शरीर की अच्छी से मालिश कर दे.
मैंने उनसे हंस कर कहा- आपने तो अभी पैर दबाने का कहा था, पर अभी पूरे शरीर की मालिश करने का कह रही हैं.
उन्होंने भी मस्ती से मुझे निहारा और वासना से कहा- अरे गलती से शरीर बोल दिया. चल तू पैर ही दबा दे.
![[Image: 97210569_051_359c.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/80/97210569/97210569_051_359c.jpg)
मैंने कहा- तो यहीं सोफे पर कैसे होगा. आप कमरे में चलिए, मैं वहीं ठीक से आपकी मालिश कर देता हूँ.
ये कह कर मैं उनके कमरे की तरफ जाने लगा.
बुआ भी उठ गईं और उन्होंने कमरे में जाकर बिस्तर पर लेटते हुए अपनी साड़ी और पेटीकोट को घुटनों के ऊपर तक चढ़ा दिया.
मुझे उनकी अधनंगी जवानी के दीदार होने लगे.
![[Image: 97210569_060_1f54.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/80/97210569/97210569_060_1f54.jpg)
मैं तेल की शीशी लेकर बुआ की टांगों के पास बैठ गया और उनके पैरों में तेल लगा कर मालिश करने लगा.
उनको बहुत मजा आने लगा तो वो बोलीं- मेरा पेटीकोट ऊपर करके मेरी जांघों को भी मसल दे.
मैंने हामी भरते हुए ढेर सारा तेल उनकी जांघों पर गिराया और बुआ की चिकनी जांघों की मालिश करने लगा.
कुछ ही देर में बुआ ने अपनी दोनों टांगों को कुछ इस तरह से फैला दिया, जिससे मुझे उनकी चूत की दरार साफ दिखने लगी थी.
![[Image: 97210569_056_31a2.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/80/97210569/97210569_056_31a2.jpg)
मैंने ध्यान दिया कि बुआ ने चुत के ऊपर एक थोंग पहनी हुई थी, जिसकी डोरी चुत की फांकों में घुसी हुई थी.
मैंने चुत को देखा तो बुआ ने कनखियों से मुझे ताड़ा और कुछ पैर और फैला दिए.
उन्होंने मुझसे कहा- बड़ा अच्छा लग रहा है … तू थोड़ा और ऊपर तक मालिश कर.
मैंने बुआ की पूरी साड़ी और पेटीकोट ऊपर पेट तक चढ़ा दिया.
![[Image: 97210569_054_28b6.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/80/97210569/97210569_054_28b6.jpg)
बुआ मुस्कुराते हुए बोलीं- बदमाश ये क्या कर रहा है. अपनी बुआ की वो देखता है … शर्म नहीं आती.
मैंने बुआ को देखा और ढेर सारा तेल लेकर उनकी चूत की दरार में डाल दिया और हाथ से बुआ की चुत को रगड़ना चालू कर दिया.
मैंने उनसे कहा- आपने मुझसे छुपाया क्या है … सब तो खुला पड़ा है.
बुआ भी हंसने लगीं और बोलीं- हां, तुझसे क्या छिपाना.
![[Image: 97210569_057_31a2.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/80/97210569/97210569_057_31a2.jpg)
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
