15-06-2022, 12:41 PM
मैं शहर में पूजा बुआ के साथ रहने आ गया था.
हालांकि मुझे मालूम चल गया था कि पूजा बुआ मेरे लंड से चुदना चाहती थीं … लेकिन तब भी मैं खुद से पहल नहीं करना चाहता था.
मुझे कुछ डर भी था कि कहीं उनका मूड न बदल गया हो. क्योंकि इस विषय में मैंने जो जाना था, वो एक साल पहले की बात थी.
पूजा बुआ के घर में रात बिताने के बाद अगले दिन मैं काम ढूंढने निकल गया पूजा बुआ भी वर्किंग लेडी थीं, तो वो भी अपने काम पर चली गईं.
एक हफ्ते बहुत ढूंढने के बाद मुझे काम मिल गया.
अगले दिन रविवार था. उस दिन बुआ और मैं मार्केट गए, तो सब्जी और बाकी का सामान आदि लिया.
फिर बुआ मुझे एक अंडरगारमेंट की दुकान में लेकर गईं और अपने लिए ब्रा पैंटी खरीदने लगीं.
मैं उनके साथ ही था, बुआ एक ब्रा मुझे दिखाते हुए मुझसे पूछ रही थीं- ये पीस कैसा है योगी … बता न ये सैट मुझे सूट करेगा या नहीं.
इसमें मुझको शर्म भी आ रही थी और दिल ही दिल ही उत्तेजना भी बढ़ रही थी.
बुआ एकदम छोटी सी दिखने वाली ब्रा पैंटी ले रही थीं, जिसमें से उनका कुछ भी छुपने वाला नहीं था.
शायद वो जानबूझ कर ऐसे सैट ले रही थीं … ताकि मुझे वो अपने मदमस्त यौवन को दिखा सकें.
हालांकि मुझे मालूम चल गया था कि पूजा बुआ मेरे लंड से चुदना चाहती थीं … लेकिन तब भी मैं खुद से पहल नहीं करना चाहता था.
मुझे कुछ डर भी था कि कहीं उनका मूड न बदल गया हो. क्योंकि इस विषय में मैंने जो जाना था, वो एक साल पहले की बात थी.
पूजा बुआ के घर में रात बिताने के बाद अगले दिन मैं काम ढूंढने निकल गया पूजा बुआ भी वर्किंग लेडी थीं, तो वो भी अपने काम पर चली गईं.
एक हफ्ते बहुत ढूंढने के बाद मुझे काम मिल गया.
अगले दिन रविवार था. उस दिन बुआ और मैं मार्केट गए, तो सब्जी और बाकी का सामान आदि लिया.
फिर बुआ मुझे एक अंडरगारमेंट की दुकान में लेकर गईं और अपने लिए ब्रा पैंटी खरीदने लगीं.
मैं उनके साथ ही था, बुआ एक ब्रा मुझे दिखाते हुए मुझसे पूछ रही थीं- ये पीस कैसा है योगी … बता न ये सैट मुझे सूट करेगा या नहीं.
इसमें मुझको शर्म भी आ रही थी और दिल ही दिल ही उत्तेजना भी बढ़ रही थी.
बुआ एकदम छोटी सी दिखने वाली ब्रा पैंटी ले रही थीं, जिसमें से उनका कुछ भी छुपने वाला नहीं था.
शायद वो जानबूझ कर ऐसे सैट ले रही थीं … ताकि मुझे वो अपने मदमस्त यौवन को दिखा सकें.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.