14-06-2022, 10:01 PM
(This post was last modified: 15-06-2022, 12:03 PM by Hot_Guy. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
Part 30
ज़फर ने सोनाली के नितम्बों पर एक जोर का बेंत मारते हुए कहा : अब यह भी बता की शादी के बाद कितने मर्दों ने तेरी जवानी के मज़े लूटे हैं
सोनाली : मेरे पति के अलावा उनके बड़े भाई सलीम ने भी मेरे साथ...
सोनाली कहते कहते रुक गयी तो ज़फर ने उसके नितंबों पर जोर से बेंत मारते हुए कहा : रुक मत, सब कुछ डिटेल में बता। तूने क्या क्या गुल खिलाये हैं, सब सच सच बता
सोनाली : मेरे पति परवेज़ और उनके बड़े भाई सलीम ने भी पहली ही रात में मेरी जवानी के जी भरकर मज़े लिए हैं
ज़फर (क़ाज़ी की तरफ देखते हुए) : काज़ी साहब इसके लिए तो पाकीज़गी की रस्म भी अदा करनी पड़ेगी। यह तो कई पाप कर चुकी है।
काज़ी : हाँ, यह लौंडिया तो खुद ही अपने गुनाहों को कुबूल कर रही है, अब इसकी पाकीज़गी तो करनी ही पड़ेगी। लेकिन उससे पहले इसे इस बात की सज़ा भी मिलेगी कि इसने अब तक अपने इस गुनाह को हमसे छुपाकर रखा।
सोनाली :मेरा गुनाह कैसे हुआ ? मेरे साथ तो जबरदस्ती करके मेरे बदन को लूटा गया है
ज़फर ने सोनाली के नितंबों पर फिर से बेंत लगते हुए कहा : साली, काज़ी साहब से जुबान लड़ाती है। अगर तेरे साथ जबरदस्ती करके भी तेरे बदन को लूटा गया है, तब भी यही माना जायेगा कि यह तेरा ही पाप है जिसके लिए अब हम सबको तेरे साथ पाकीज़गी की रस्म पूरी करके तेरे इस बदन को फिर से "पाक साफ" करना होगा।
काज़ी : पाकीज़गी की रस्म बाद में। पहले इसे इधर मेरी टाँगों पर उल्टा करके लिटाओ। इसके नितंबों पर मैं 50 बेंत लगाकर इसे सज़ा दूँगा
यह कहने के साथ ही काज़ी ने अपना पाजामा नीचे खिसका दिया
ज़फर समझ गया था कि काज़ी साहब क्या चाहते थे
ज़फर का अपना लण्ड भी एकदम तनकर खड़ा हो चुका था और उसे भी राहत की बहुत जरूरत महसूस हो रही थी
ज़फर ने सोनाली को काज़ी की दोनों जाँघों पर उल्टा करके इस तरह से लिटा दिया ताकि के लण्ड के ऊपर उसका चिकना पेट टिका रहे और उसकी जाँघ के ऊपर सोनाली के दोनों नितंब टिके रहें जिन पर काज़ी 50 बेंत मारकर अपनी हनक पूरी कर सके।
ज़फर खुद काज़ी के पास इस तरह से बैठ गया ताकि सोनाली का चेहरा ज़फर के लण्ड के ऊपर आकर टिक जाए ताकि वह अपने लण्ड को सोनाली से साथ साथ ही चुसवा सके।
ज़फर के अंडरवियर में कैद लण्ड पर सोनाली का चेहरा टिका हुआ था। उसके नरम होंठ उसके लण्ड के उभार को मानो चूम से रहे थे। जैसे ही काज़ी ने सोनाली के मस्त नितंबों पर बेंत पेलने शुरू किए, वह उछलने लगी।
ज़फर ने अपने अंडरवियर को नीचे खिसका दिया और सोनाली के मुंह मे अपना केला घुसेड़ते हुए बोला : ले साली, मेरे केले को चूस चूस कर मुझे खुश कर।
शेष अगले भाग में
ज़फर ने सोनाली के नितम्बों पर एक जोर का बेंत मारते हुए कहा : अब यह भी बता की शादी के बाद कितने मर्दों ने तेरी जवानी के मज़े लूटे हैं
सोनाली : मेरे पति के अलावा उनके बड़े भाई सलीम ने भी मेरे साथ...
सोनाली कहते कहते रुक गयी तो ज़फर ने उसके नितंबों पर जोर से बेंत मारते हुए कहा : रुक मत, सब कुछ डिटेल में बता। तूने क्या क्या गुल खिलाये हैं, सब सच सच बता
सोनाली : मेरे पति परवेज़ और उनके बड़े भाई सलीम ने भी पहली ही रात में मेरी जवानी के जी भरकर मज़े लिए हैं
ज़फर (क़ाज़ी की तरफ देखते हुए) : काज़ी साहब इसके लिए तो पाकीज़गी की रस्म भी अदा करनी पड़ेगी। यह तो कई पाप कर चुकी है।
काज़ी : हाँ, यह लौंडिया तो खुद ही अपने गुनाहों को कुबूल कर रही है, अब इसकी पाकीज़गी तो करनी ही पड़ेगी। लेकिन उससे पहले इसे इस बात की सज़ा भी मिलेगी कि इसने अब तक अपने इस गुनाह को हमसे छुपाकर रखा।
सोनाली :मेरा गुनाह कैसे हुआ ? मेरे साथ तो जबरदस्ती करके मेरे बदन को लूटा गया है
ज़फर ने सोनाली के नितंबों पर फिर से बेंत लगते हुए कहा : साली, काज़ी साहब से जुबान लड़ाती है। अगर तेरे साथ जबरदस्ती करके भी तेरे बदन को लूटा गया है, तब भी यही माना जायेगा कि यह तेरा ही पाप है जिसके लिए अब हम सबको तेरे साथ पाकीज़गी की रस्म पूरी करके तेरे इस बदन को फिर से "पाक साफ" करना होगा।
काज़ी : पाकीज़गी की रस्म बाद में। पहले इसे इधर मेरी टाँगों पर उल्टा करके लिटाओ। इसके नितंबों पर मैं 50 बेंत लगाकर इसे सज़ा दूँगा
यह कहने के साथ ही काज़ी ने अपना पाजामा नीचे खिसका दिया
ज़फर समझ गया था कि काज़ी साहब क्या चाहते थे
ज़फर का अपना लण्ड भी एकदम तनकर खड़ा हो चुका था और उसे भी राहत की बहुत जरूरत महसूस हो रही थी
ज़फर ने सोनाली को काज़ी की दोनों जाँघों पर उल्टा करके इस तरह से लिटा दिया ताकि के लण्ड के ऊपर उसका चिकना पेट टिका रहे और उसकी जाँघ के ऊपर सोनाली के दोनों नितंब टिके रहें जिन पर काज़ी 50 बेंत मारकर अपनी हनक पूरी कर सके।
ज़फर खुद काज़ी के पास इस तरह से बैठ गया ताकि सोनाली का चेहरा ज़फर के लण्ड के ऊपर आकर टिक जाए ताकि वह अपने लण्ड को सोनाली से साथ साथ ही चुसवा सके।
ज़फर के अंडरवियर में कैद लण्ड पर सोनाली का चेहरा टिका हुआ था। उसके नरम होंठ उसके लण्ड के उभार को मानो चूम से रहे थे। जैसे ही काज़ी ने सोनाली के मस्त नितंबों पर बेंत पेलने शुरू किए, वह उछलने लगी।
ज़फर ने अपने अंडरवियर को नीचे खिसका दिया और सोनाली के मुंह मे अपना केला घुसेड़ते हुए बोला : ले साली, मेरे केले को चूस चूस कर मुझे खुश कर।
शेष अगले भाग में
to my Thread containing Sex stories based on Humiliation, Blackmail & BDSM
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा