14-06-2022, 06:21 PM
(This post was last modified: 18-03-2024, 01:24 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मैंने अपने होंठों से उनके होंठों को चूमना चाटना शुरू कर दिया.
मैं बहुत बेताबी से भाबी को किस कर रहा था और साथ में उनके मम्मों को मसल भी रहा था.
भाबी के गालों पर, गले पर, चूत, गांड, दूध हर जगह मैं भाबी को चूमा चाटा. फिर नीचे से हाथ डाल कर उनकी चूत को सहलाने लगा; चूत के अन्दर उंगली डालने लगा.
मैं भाबी के बड़े और सख्त मम्मों को पिए जा रहा था. उन्हें मसलने में अपनी पूरी ताकत लगा रहा था और मम्मों को जोर जोर से भंभोड़ने लगा था.
भाबी आंह आंह कर रही थीं.
मैंने उनके एक निप्पल को अपने मुँह में लेकर दबाते हुए खींचा.
अब वो जोर जोर से सिसकने लगीं- उह उह आह विकास … आज मुझे पूरी तरह से चुदाई का मज़ा दे दो. मुझे तेरा लंड अन्दर चाहिए प्लीज़ चूत में पेल दो. चाहो तो माल अन्दर ही डाल दो लेकिन अब सब्र नहीं होता.
मैंने भाबी को सीधा किया और उनके ऊपर चढ़ गया, अपना लंड उनकी चूत के ऊपर रगड़ने लगा.
भाबी की चूत पूरी गीली हो गयी थी.
उनकी टाईट चूत को चोदने के लिए मैंने पहला झटका ही जोर से दिया पर गीली चूत की वजह से लंड फिसल रहा था.
फिर भाबी ने एक हाथ से लंड पकड़ कर चूत के छेद में सैट किया. मैंने एक मम्मे को मुँह में लिया और एक ज़ोर का शॉट लगा दिया.
भाबी ज़ोर से चिल्लाईं- ओह मर गई … साले कितना बड़ा है तेरा … मुझे दर्द हो रहा है.
मेरा आधा लंड भाबी की चूत में घुस गया था.
मैंने भाबी की बात को अनसुना करते हुए एक शॉट और दे मारा.
भाबी की चूत काफ़ी टाईट थी.
फिर भाबी ने गांड ऊपर की और बोलीं- अब लगाओ शॉट.
मैंने एक बार फिर से जोर के झटके से पेला और अपना पूरा लंड उनकी चूत में घुसेड़ दिया.
भाबी बोल रही थीं- आह धीरे धीरे करो … मुझे मज़ा तो लेने दो. चूत से चप चप की आवाज़ आनी चाहिए.
भाबी मेरी पीठ में नाख़ून के निशान छोड़ रही थीं.
मैं उनके मम्मों को डबाते हुए धीरे धीरे अपने लंड को आगे पीछे कर रहा था.
साथ में मैं बीच बीच में ज़ोर ज़ोर से शॉट लगा रहा था.
कुछ देर बाद भाबी का दर्द भी कम हो गया और वो भी चुदाई का मज़ा लेने लगीं.
अब वो कामुक आवाजें निकालने लगीं- ओह ह्म्म … आह और जोर से चोद साले और ज़ोर से पेलो, मुझे तुम्हें अन्दर तक लेना है. आंह मर्द की तरह चोदो. आह विकास प्लीज़ अपनी स्पीड बढ़ाओ, मैं आने वाली हूँ.
मैंने अपने झटकों की रफ्तार बढ़ाई और पॉवर भी.
मैं भाबी को और जोर से उसे चोदने लगा.
मैंने भाबी के पैर अपने गले में ले लिए और चुदाई का आसन बदल दिया.
अब मेरा लंड चूत की जड़ में जाकर चोट मार रहा था और चूत की मलाई के कारण फच फच की आवाज़ से सारा माहौल गर्मा गया था.
थोड़ी देर बाद भाबी झड़ गईं, फिर भी गांड उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थीं.
उनकी चूत का रस टपकने लगा था.
मुझे उसकी खुशबू आ रही थी.
मुझे और भाबी को चुदाई में काफ़ी मज़ा आ रहा था.
फ़च फ़च की आवाज़ और भी ज्यादा मजा दे रही थी.
थोड़ी देर बाद मुझे लगने लगा कि मैं भी आने वाला हूँ.
मैंने लंड निकाला और उन्हें उल्टा कर दिया.
भाबी को कुतिया बना कर पीछे से उनकी चूत में अपना लंड घुसा कर शॉट लगाना चालू कर दिया.
मैं पीछे से जोर जोर से धक्के लगा रहा था और भाबी गांड पीछे करके मेरा लंड अन्दर ले रही थीं.
अब मेरा लौड़ा रुकने वाला नहीं था, मैंने भाबी से कहा- मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा है, मेरा होने वाला है. मैं चूत में निकल रहा हूँ.
उन्होंने कहा- ठीक है निकाल दो, मैं गोली ले लूंगी.
मैं पूरी ताकत से भाबी की टाईट चूत में झटके लगा रहा था … वो भी बेहाल हो गई थीं.
मेरा लंड मानने को तैयार ही नहीं था फिर भाबी ने हाथ पीछे करके मेरे लंड की गोटियां सहलाईं और कुछ तेज झटकों के साथ मैंने अपना पूरा माल भाबी की चूत में डाल दिया.
हम दोनों नंगे ही वहां पर पड़े थे.
हमें अब ठंडी नहीं लग रही थी. पूरा जिस्म पसीना पसीना हो गया था.
भाबी ने मुझे थैंक्स कहा और मेरे लंड को चाट कर साफ करने लगीं.
दस मिनट बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
इस बार भाबी ने कहा- चूत में दर्द हो रहा है. कुछ देर बाद में करते हैं.
भाबी मेरी तरफ गांड करके एकदम चिपक कर सो गईं.
मैं सुबह जागा तो मेरा लंड खड़ा था.
मैंने भाबी की गांड में लंड डालने की कोशिश की.
भाबी ने पहले भी अपनी गांड मरवाई थी.
कुछ देर में भाबी मस्त हो गईं और बोलीं- आखिरी टाइम करने दे रही हूँ.
मैं किसी तरह भाबी की गांड में लग गया.
धकापेल चुदाई होने लगी.
फिर भाबी ने कहा- इस बार मुझे मुँह में लेना था पर गांड से निकला लंड मैं नहीं लूंगी.
मैं उनके दोनों चूचों को पकड़ कर भाबी की गांड मारने लगा.
कुछ पल बाद मैंने सारा माल भाबी की गांड में निकाल दिया.
भाबी ने मुझको किस किया.
अब हम दोनों ने अपने कपड़े पहने.
भाबी ने कहा- ये बात कभी किसी को पता नहीं चलनी चाहिए.
मैंने उन्हें हग किया और प्रॉमिस किया कि कभी किसी को पता नहीं चलेगा और ये दुबारा भी नहीं होगा.
हमने एक दूसरे को हग किया और एक लंबा किस किया.
भाबी ने मेरे लंड की तरफ़ देखा, वो अभी भी खड़ा था.
भाबी ने कहा- हाथ से हिलाओ या कोई और ढूंढ लो.
मैं हंस दिया.
हम लोग दिन के उजाले में रास्ता पूछ कर अपने टेंट में चले आए.
आज भी हम लोग दोस्त हैं और मस्त जी रहे हैं.
कभी कभी भाबी को देखकर मूड होता है. मैं उनको बोलता भी हूँ लेकिन फिर हम लोग कंट्रोल कर लेते हैं.
इस कंट्रोल की वजह मेरा दोस्त और उनका पति सागर है.
दोस्तो, ये मेरी फ्रेंड वाइफ सेक्स कहानी थी जो मैंने एक पाठिका मेघना की इच्छा पर लिखी है.
उससे मैंने एक डॉक्टर भाबी के साथ की चुदाई की बात कही थी. जिसे सुनकर वो मुझसे बार बार जिद करने लगी थी कि इस गर्म सेक्स कहानी को सबके सामने आना चाहिए.
जाते जाते एक ही बात कहूँगा कि औरतों कि इज्जत कीजिए, उनको प्यार और सम्मान दीजिए. उनकी प्राइवेसी का पूरा ख्याल रखें.
मैं बहुत बेताबी से भाबी को किस कर रहा था और साथ में उनके मम्मों को मसल भी रहा था.
भाबी के गालों पर, गले पर, चूत, गांड, दूध हर जगह मैं भाबी को चूमा चाटा. फिर नीचे से हाथ डाल कर उनकी चूत को सहलाने लगा; चूत के अन्दर उंगली डालने लगा.
मैं भाबी के बड़े और सख्त मम्मों को पिए जा रहा था. उन्हें मसलने में अपनी पूरी ताकत लगा रहा था और मम्मों को जोर जोर से भंभोड़ने लगा था.
भाबी आंह आंह कर रही थीं.
मैंने उनके एक निप्पल को अपने मुँह में लेकर दबाते हुए खींचा.
अब वो जोर जोर से सिसकने लगीं- उह उह आह विकास … आज मुझे पूरी तरह से चुदाई का मज़ा दे दो. मुझे तेरा लंड अन्दर चाहिए प्लीज़ चूत में पेल दो. चाहो तो माल अन्दर ही डाल दो लेकिन अब सब्र नहीं होता.
मैंने भाबी को सीधा किया और उनके ऊपर चढ़ गया, अपना लंड उनकी चूत के ऊपर रगड़ने लगा.
भाबी की चूत पूरी गीली हो गयी थी.
उनकी टाईट चूत को चोदने के लिए मैंने पहला झटका ही जोर से दिया पर गीली चूत की वजह से लंड फिसल रहा था.
फिर भाबी ने एक हाथ से लंड पकड़ कर चूत के छेद में सैट किया. मैंने एक मम्मे को मुँह में लिया और एक ज़ोर का शॉट लगा दिया.
भाबी ज़ोर से चिल्लाईं- ओह मर गई … साले कितना बड़ा है तेरा … मुझे दर्द हो रहा है.
मेरा आधा लंड भाबी की चूत में घुस गया था.
मैंने भाबी की बात को अनसुना करते हुए एक शॉट और दे मारा.
भाबी की चूत काफ़ी टाईट थी.
फिर भाबी ने गांड ऊपर की और बोलीं- अब लगाओ शॉट.
मैंने एक बार फिर से जोर के झटके से पेला और अपना पूरा लंड उनकी चूत में घुसेड़ दिया.
भाबी बोल रही थीं- आह धीरे धीरे करो … मुझे मज़ा तो लेने दो. चूत से चप चप की आवाज़ आनी चाहिए.
भाबी मेरी पीठ में नाख़ून के निशान छोड़ रही थीं.
मैं उनके मम्मों को डबाते हुए धीरे धीरे अपने लंड को आगे पीछे कर रहा था.
साथ में मैं बीच बीच में ज़ोर ज़ोर से शॉट लगा रहा था.
कुछ देर बाद भाबी का दर्द भी कम हो गया और वो भी चुदाई का मज़ा लेने लगीं.
अब वो कामुक आवाजें निकालने लगीं- ओह ह्म्म … आह और जोर से चोद साले और ज़ोर से पेलो, मुझे तुम्हें अन्दर तक लेना है. आंह मर्द की तरह चोदो. आह विकास प्लीज़ अपनी स्पीड बढ़ाओ, मैं आने वाली हूँ.
मैंने अपने झटकों की रफ्तार बढ़ाई और पॉवर भी.
मैं भाबी को और जोर से उसे चोदने लगा.
मैंने भाबी के पैर अपने गले में ले लिए और चुदाई का आसन बदल दिया.
अब मेरा लंड चूत की जड़ में जाकर चोट मार रहा था और चूत की मलाई के कारण फच फच की आवाज़ से सारा माहौल गर्मा गया था.
थोड़ी देर बाद भाबी झड़ गईं, फिर भी गांड उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थीं.
उनकी चूत का रस टपकने लगा था.
मुझे उसकी खुशबू आ रही थी.
मुझे और भाबी को चुदाई में काफ़ी मज़ा आ रहा था.
फ़च फ़च की आवाज़ और भी ज्यादा मजा दे रही थी.
थोड़ी देर बाद मुझे लगने लगा कि मैं भी आने वाला हूँ.
मैंने लंड निकाला और उन्हें उल्टा कर दिया.
भाबी को कुतिया बना कर पीछे से उनकी चूत में अपना लंड घुसा कर शॉट लगाना चालू कर दिया.
मैं पीछे से जोर जोर से धक्के लगा रहा था और भाबी गांड पीछे करके मेरा लंड अन्दर ले रही थीं.
अब मेरा लौड़ा रुकने वाला नहीं था, मैंने भाबी से कहा- मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा है, मेरा होने वाला है. मैं चूत में निकल रहा हूँ.
उन्होंने कहा- ठीक है निकाल दो, मैं गोली ले लूंगी.
मैं पूरी ताकत से भाबी की टाईट चूत में झटके लगा रहा था … वो भी बेहाल हो गई थीं.
मेरा लंड मानने को तैयार ही नहीं था फिर भाबी ने हाथ पीछे करके मेरे लंड की गोटियां सहलाईं और कुछ तेज झटकों के साथ मैंने अपना पूरा माल भाबी की चूत में डाल दिया.
हम दोनों नंगे ही वहां पर पड़े थे.
हमें अब ठंडी नहीं लग रही थी. पूरा जिस्म पसीना पसीना हो गया था.
भाबी ने मुझे थैंक्स कहा और मेरे लंड को चाट कर साफ करने लगीं.
दस मिनट बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
इस बार भाबी ने कहा- चूत में दर्द हो रहा है. कुछ देर बाद में करते हैं.
भाबी मेरी तरफ गांड करके एकदम चिपक कर सो गईं.
मैं सुबह जागा तो मेरा लंड खड़ा था.
मैंने भाबी की गांड में लंड डालने की कोशिश की.
भाबी ने पहले भी अपनी गांड मरवाई थी.
कुछ देर में भाबी मस्त हो गईं और बोलीं- आखिरी टाइम करने दे रही हूँ.
मैं किसी तरह भाबी की गांड में लग गया.
धकापेल चुदाई होने लगी.
फिर भाबी ने कहा- इस बार मुझे मुँह में लेना था पर गांड से निकला लंड मैं नहीं लूंगी.
मैं उनके दोनों चूचों को पकड़ कर भाबी की गांड मारने लगा.
कुछ पल बाद मैंने सारा माल भाबी की गांड में निकाल दिया.
भाबी ने मुझको किस किया.
अब हम दोनों ने अपने कपड़े पहने.
भाबी ने कहा- ये बात कभी किसी को पता नहीं चलनी चाहिए.
मैंने उन्हें हग किया और प्रॉमिस किया कि कभी किसी को पता नहीं चलेगा और ये दुबारा भी नहीं होगा.
हमने एक दूसरे को हग किया और एक लंबा किस किया.
भाबी ने मेरे लंड की तरफ़ देखा, वो अभी भी खड़ा था.
भाबी ने कहा- हाथ से हिलाओ या कोई और ढूंढ लो.
मैं हंस दिया.
हम लोग दिन के उजाले में रास्ता पूछ कर अपने टेंट में चले आए.
आज भी हम लोग दोस्त हैं और मस्त जी रहे हैं.
कभी कभी भाबी को देखकर मूड होता है. मैं उनको बोलता भी हूँ लेकिन फिर हम लोग कंट्रोल कर लेते हैं.
इस कंट्रोल की वजह मेरा दोस्त और उनका पति सागर है.
दोस्तो, ये मेरी फ्रेंड वाइफ सेक्स कहानी थी जो मैंने एक पाठिका मेघना की इच्छा पर लिखी है.
उससे मैंने एक डॉक्टर भाबी के साथ की चुदाई की बात कही थी. जिसे सुनकर वो मुझसे बार बार जिद करने लगी थी कि इस गर्म सेक्स कहानी को सबके सामने आना चाहिए.
जाते जाते एक ही बात कहूँगा कि औरतों कि इज्जत कीजिए, उनको प्यार और सम्मान दीजिए. उनकी प्राइवेसी का पूरा ख्याल रखें.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
