14-06-2022, 06:05 PM
बात कई साल पुरानी है। मैं +2 पास करने के बाद कॉलेज में दाखिला लेने शहर गया। ऊपर वाले की मेहरबानी और मेरी मेहनत के बल पर एक अच्छे कॉलेज में दाखिला भी मिल गया। हॉस्टल में कमरा भी ले लिया। पढ़ाई शुरू हो गई पर किस्मत में शायद कुछ और ही था। मेरे रूममेट के साथ मेरी बनी नहीं और हॉस्टल का माहौल भी पसंद नहीं आया तो मैंने घर वालों से सलाह करके बाहर रूम लेने की सोची।
अभी कमरे की तलाश चल ही रही थी कि अचानक मुझे मेरी बुआ जैसा कि मैंने बताया मेरे पिता जी के चाचा की लड़की कमलेश मिल गई। कमलेश बुआ तब लगभग 32-33 साल की रही होगी और मैं 20 साल का था। कमलेश बुआ बहुत ज्यादा सुंदर तो नहीं थी पर शरीर की बनावट इतनी गजब थी कि मुझे बुआ में ही माधुरी दीक्षित नजर आने लगी थी। वैसे भी कई साल बाद आमना सामना हुआ था।
बातों ही बातों में जब बुआ को पता लगा कि मैं कमरे की तलाश में हूँ तो वो नाराज होते हुए बोली कि उसके होते मैं किराये के कमरे में कैसे रह सकता हूँ।
मैंने बहुत मना किया पर वो जबरदस्ती मुझे अपने साथ अपने घर ले गई।
शहर का नाम मैं कहानी में नहीं लिख रहा हूँ, आप अपने शहर की कहानी समझ कर ही इसका आनंद लें।
अभी कमरे की तलाश चल ही रही थी कि अचानक मुझे मेरी बुआ जैसा कि मैंने बताया मेरे पिता जी के चाचा की लड़की कमलेश मिल गई। कमलेश बुआ तब लगभग 32-33 साल की रही होगी और मैं 20 साल का था। कमलेश बुआ बहुत ज्यादा सुंदर तो नहीं थी पर शरीर की बनावट इतनी गजब थी कि मुझे बुआ में ही माधुरी दीक्षित नजर आने लगी थी। वैसे भी कई साल बाद आमना सामना हुआ था।
बातों ही बातों में जब बुआ को पता लगा कि मैं कमरे की तलाश में हूँ तो वो नाराज होते हुए बोली कि उसके होते मैं किराये के कमरे में कैसे रह सकता हूँ।
मैंने बहुत मना किया पर वो जबरदस्ती मुझे अपने साथ अपने घर ले गई।
शहर का नाम मैं कहानी में नहीं लिख रहा हूँ, आप अपने शहर की कहानी समझ कर ही इसका आनंद लें।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.