14-06-2022, 06:02 PM
बुआ एक बार फिर फफक पड़ी। मैंने अपने होंठों से बुआ की गालों पर आये आँसूओं को पीते हुए अपने होंठ बुआ के होंठों पर रख दिए। फिर तो एक प्यासी औरत और एक जवान लड़का दीन-दुनिया को भूल कर एक दूसरे में समाते चले गए। कब कपड़ों ने हम दोनों के शरीर को छोड़ दिया पता ही नहीं चला। कुछ देर के बाद ही हम दोनों बिलकुल नंगे एक दूसरे की बाहों में समाये हुए थे। फिर चूमा-चाटी का ऐसा दौर चला कि थोड़ी देर बाद ही मेरा लंड बुआ के मुँह में था और मेरा मुँह बुआ की चूत पर। लंड पूरा तन चुका था। मैंने बुआ को सीधा लेटाया और अपना मोटा लंड बुआ के गीली चूत पर रख दिया।
बुआ, जिसकी प्यास अब बुझने वाली थी, अपने चूतड़ एक दम से ऊपर उछाल कर मेरे लंड का स्वागत किया। जवाब में मैंने भी एक जोरदार धक्का लगा दिया। बुआ थोड़ी कसमसाई पर बोली कुछ नहीं क्यूंकि प्यासी तो वो भी थी। चूत बहुत तंग थी लंड पूरा फंस-फंस कर जा रहा था। मैंने धीरे धीरे पूरा लंड बुआ की चूत में घुसा दिया। फिर शुरू हुआ हल्के-हल्के धक्कों का दौर और फिर धीरे धीरे गति बढ़ती चली गई। बुआ चूत में होने वाले घर्षण से मस्त उठी और गांड उछाल-उछाल कर लंड अंदर लेने लगी। मस्त चुदाई हो रही थी। आधे घंटे के जबरदस्त चुदाई के दौरान बुआ तीन बार झड़ गई थी। फिर मैंने भी अपना सारा माल बुआ की मस्त चूत में डाल दिया।
फूफा पांच बजे के बाद आने वाले थे और घर पर और कोई काम भी नहीं था तो हम दोनों ने समय का पूरा मजा लिया और तीन बार चुदाई की। उस दिन के बाद से बुआ मेरी बीवी की तरह से रहने लगी थी। दिन में रात में जब भी दिल करता हम एक दूसरे में समां जाते। आज बुआ का एक बेटा भी है। मेरे समझाने के बाद अब तो फूफा भी बुआ में रुचि लेने लगे है। अब दिन में मैं और रात में फूफा जी बुआ की मस्त चुदाई करते है बुआ अब पहले से ज्यादा मस्त हो गई है।
बुआ, जिसकी प्यास अब बुझने वाली थी, अपने चूतड़ एक दम से ऊपर उछाल कर मेरे लंड का स्वागत किया। जवाब में मैंने भी एक जोरदार धक्का लगा दिया। बुआ थोड़ी कसमसाई पर बोली कुछ नहीं क्यूंकि प्यासी तो वो भी थी। चूत बहुत तंग थी लंड पूरा फंस-फंस कर जा रहा था। मैंने धीरे धीरे पूरा लंड बुआ की चूत में घुसा दिया। फिर शुरू हुआ हल्के-हल्के धक्कों का दौर और फिर धीरे धीरे गति बढ़ती चली गई। बुआ चूत में होने वाले घर्षण से मस्त उठी और गांड उछाल-उछाल कर लंड अंदर लेने लगी। मस्त चुदाई हो रही थी। आधे घंटे के जबरदस्त चुदाई के दौरान बुआ तीन बार झड़ गई थी। फिर मैंने भी अपना सारा माल बुआ की मस्त चूत में डाल दिया।
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.