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मैंने बुआ चोद दी
मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिए। बुआ की चूत बहुत तंग थी। लंड पूरा रगड़ रगड़ कर जा रहा था चूत में। बुआ धीरे धीरे मस्त होती जा रही थी। दर्द की शिकन जो कुछ देर पहले बुआ के चेहरे पर थी वो अब खत्म हो चुकी थी। बुआ ने अब अपने चूतड़ उठा उठा कर मेरे धक्कों का जवाब देना शुरू कर दिया था। मैं भी गाँव का जवान पट्ठा था। पूरे जोश के साथ बुआ की चूत का बाजा बजा रहा था। अब तो बुआ भी मस्त हो चुदा रही थी। हम दोनों एक दूसरे से कुछ नहीं बोल रहे थे बस दोनों के मुँह से सीत्कारें निकल रही थी।
करीब दस मिनट के बाद बुआ का शरीर अकड़ने लगा और बुआ लगभग चिल्ला उठी= आह्हह्ह… राज… जोर से चोद मेरे राजा… हाय बहुत प्यासी है रे तेरी बुआ की चूत… आह्ह… मार धक्के मेरे राज मैं तो गय्ईईईई अआहह्ह ग्ईईईई मैं तो आह्ह्ह… जोर से कर और जोर से आह्ह आह जोररर से आहह…
और बुआ झड़ गई और ढेर सारा पानी बुआ की चूत से निकल कर मेरे लंड के बराबर में से बाहर निकलने लगा। मेरा अभी नहीं हुआ था तो मैं अब भी जोरदार धक्को के साथ बुआ की चूत को पेल रहा था। दो मिनट के बाद ही बुआ फिर से गांड उछाल उछाल कर लंड लेने लगी। कमरे में अब फचा फच…. फचा फच… की आवाज गूंज रही थी। लंड मस्त गति से बुआ की चूत के अंदर आ जा रहा था।
आधे घंटे की मस्त चुदाई के बाद मेरा लंड भी फटने को तैयार था और बुआ की चूत भी दूसरी बार फव्वारा छोड़ने को तैयार थी। मेरे मुँह से भी अब मस्ती भरी आवाजें निकल रही थी बिल्कुल शेर के गुर्राने जैसी। बुआ भी और जोर से और जोर से चिल्लाने लगी थी। बुआ ने मुझे कस कर जकड़ लिया बुआ के नाख़ून मेरी कमर में गड़ गए थे। दोनों का शरीर बुरी तरह से अकड़ने लगा था।
फिर मेरा लंड फ़ूट पड़ा और वीर्य की धार बुआ के चूत में छूट गई। मेरे गर्म वीर्य का गर्मी मिलते ही बुआ की चूत भी पिंघल गई और उसने पानी का दरिया चला दिया। बुआ झमाझम झड़ रही थी। कमरे में तूफ़ान सा आ गया था। हम दोनों ही पसीने पसीने हो चुके थे।
पांच मिनट ऐसे ही लेटे रहने के बाद बुआ की आवाज आई- अब नीचे भी उतर ! मैं दब गई हूँ तेरे नीचे।
लंड अब बैठ चुका था और फक की आवाज के साथ बुआ के चूत से बहार निकला और साथ ही निकला ढेर सारा वीर्य और बुआ की चूत के रस का मिश्रण। बुआ की चूत बिल्कुल भर गई थी। बुआ उठी और अपने पेटीकोट से मेरा लंड और अपनी चूत साफ़ की। फिर बुआ ने कपड़े पहनने लगी। मैंने रोकना चाहा पर बुआ ने मना कर दिया और उठ कर फूफा के कमरे में चली गई। मैं भी कपड़े पहन कर बुआ के पीछे पीछे चला गया। फूफा गहरी नींद में सो रहे थे।
बुआ ने कमरे में देखा और फिर रसोई में चली गई। बुआ को शायद भूख लगी थी। मैंने और बुआ ने बैठ कर खाना खाया। फिर बर्तन धो कर बुआ फूफा के कमरे में जाकर सो गई। मैं भी अपने कमरे में सोने चला गया और बेड पर लेट कर सोचता रहा कि बुआ की चूत इतनी टाईट कैसे है? फूफा चोदते नहीं है क्या ? और सोचते सोचते ना जाने कब मुझे नींद आ गई।
सुबह बुआ ने मुझे उठाया और चाय दे गई। फूफा भी उठ चुके थे। बुआ बिलकुल सामान्य थी जैसे रात को कुछ हुआ ही ना हो। चाय देकर बुआ नहाने चली गई और फूफा ने मुझे अखबार लाने भेज दिया। वापिस आया तो फूफा ऑफिस के लिए तैयार हो चुके थे। मेरे भी स्कूल का टाइम हो गया था। सो मैं भी नहा कर स्कूल के लिए तैयार हो गया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: मैंने बुआ चोद दी - by neerathemall - 14-06-2022, 06:01 PM



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