14-06-2022, 06:01 PM
मेरा पहली बार था तो मैं भी जल्दी से लंड चूत में डालने के लिए मरा जा रहा था। मैंने लंड बुआ की चूत के मुँह पर रखा तो ऐसा लगा जैसे किसी भट्टी के मुँह पर रख दिया हो। बुआ की चूत बहुत गर्म थी। चूत बिल्कुल उबल रही थी। मैंने लंड को ठीक से सेट किया और एक जोरदार धक्का लगा दिया। चूत बहुत तंग थी सुपारा बुआ की चूत में उतर गया था। बुआ एक दम से कसमसा उठी दर्द के मारे।
मुझे हैरानी हुई कि बुआ की शादी तो दो साल पहले हो चुकी थी यानी बुआ पिछले दो साल से चुदवा रही थी पर फिर भी बुआ को मेरा लंड लेने में तकलीफ हो रही थी। चूत इतनी कसी थी कि लगता ही नहीं था कि इस चूत ने लंड का स्वाद चखा होगा।
इसी हैरानी में मैंने एक और जोरदार धक्का लगा दिया। आधा लंड बुआ की पनियाई हुई चूत में घुस गया। बुआ दर्द के मारे छटपटाने लगी। लंड तो मेरा भी कम नहीं था पर बुआ तो पिछले दो साल से चुदवा रही थी। खैर अगले दो धक्कों में पूरा लंड बुआ की चूत में घुस गया था। बुआ की झांटें और मेरी झांटें अब संगम कर रही थी। लंड जड़ तक घुस चुका था। बुआ की आँखों में आंसू आ गए थे।
मैंने पूछा- बुआ, दर्द हो रहा है क्या?
“नहीं रे.. तू अपना काम करता रह, मेरे आंसू मत देख…”
मुझे हैरानी हुई कि बुआ की शादी तो दो साल पहले हो चुकी थी यानी बुआ पिछले दो साल से चुदवा रही थी पर फिर भी बुआ को मेरा लंड लेने में तकलीफ हो रही थी। चूत इतनी कसी थी कि लगता ही नहीं था कि इस चूत ने लंड का स्वाद चखा होगा।
इसी हैरानी में मैंने एक और जोरदार धक्का लगा दिया। आधा लंड बुआ की पनियाई हुई चूत में घुस गया। बुआ दर्द के मारे छटपटाने लगी। लंड तो मेरा भी कम नहीं था पर बुआ तो पिछले दो साल से चुदवा रही थी। खैर अगले दो धक्कों में पूरा लंड बुआ की चूत में घुस गया था। बुआ की झांटें और मेरी झांटें अब संगम कर रही थी। लंड जड़ तक घुस चुका था। बुआ की आँखों में आंसू आ गए थे।
मैंने पूछा- बुआ, दर्द हो रहा है क्या?
“नहीं रे.. तू अपना काम करता रह, मेरे आंसू मत देख…”
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.