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मैंने बुआ चोद दी
#99
जब मैंने बुआ को गोद में उठाया तो बुआ मुझ से बुरी तरह से चिपक गई। मैंने बुआ को बेड पर लिटा कर देखा तो बुआ आँखें बंद करके पड़ी थी और उसकी सांस धौंकनी की तरह से चल रही थी यानि वो लंबी लंबी और तेज तेज साँसें ले रही थी। शरीर भी कुछ अंगड़ाईयाँ ले रहा था। बुआ के उठते गिरते उभारों को देख कर मेरा लंड अब पजामा फाड़ कर बाहर आने को उतावला हो रहा था। मैंने बुआ की साड़ी का पल्लू एक तरफ किया तो बुआ की मस्त पहाड़ियों को देखता ही रह गया। क्या मस्त चूची थी बुआ की। मुझे खुशी भी हो रही थी कि मेरी बुआ इतनी सेक्सी और सुंदर है। अभी कुछ देर पहले ही तो बुआ ने मेरा मुँह दबाया था इन मस्त चूचियों में।

मेरा एक हाथ बुआ की दाईं चूची पर चला गया। हाय…..क्या मस्त कठोर चूची थी। मेरा तो बुरा हाल हो रहा था क्योंकि मेरा तो यह पहली बार ही था ना। बुआ ने मेरा हाथ अपनी चूची के ऊपर पकड़ कर दबा दिया और खुद ही सीत्कार उठी। एक मस्त आह सी निकली बुआ के मुँह से।

मैं अब धीरे धीरे बुआ की चूचियाँ सहलाने लगा था। बुआ के मुँह से सिसकरियाँ निकल रही थी। मैंने बुआ के ब्लाउज के हुक खोलने शुरू किये तो बुआ ने मेरा हाथ पकड़ लिया- नहीं राज, यह ठीक नहीं है। मैं तेरी बुआ लगती हूँ।

पर मुझ पर तो अब वासना का नशा छाने लगा था। मैंने बुआ की बात को अनसुना कर दिया और अगले ही पल बुआ की ब्रा में कसी चूचियाँ मेरी आँखों के सामने थी। मैंने ब्रा के ऊपर से ही चूचियों को चूमना शुरू कर दिया। बुआ भी अब वासना की आग में जलने लगी थी। बुआ की सिसकारियों से इस बात का पता चल रहा था। बुआ बार-बार ना-ना कर रही थी पर सिसकारियों से साफ़ था कि बुआ के मुँह पर ना और मन में हाँ थी।

मैंने बुआ की ब्रा का हुक खोल दिया। बुआ की दोनों मस्त गोरी गोरी चूचियाँ एक दम से उछल कर बाहर आई। बुआ की चूचियाँ एक दम से तनी-तनी थी। दोनों चुचूक किसी पहाड़ी की चोटी की तरह से लग रहे थे। मैंने आव देखा ना ताव, झट से बुआ की एक चूची को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा।

हाय…. क्या स्वाद था।

बुआ मस्ती के मारे सीत्कारने लगी। उसकी आहें कमरे में गूंजने लगी- आह्हह्ह आह्ह्ह राज मैं मर जाउंगी राज आह्हह्ह…..

मैं चुपचाप बुआ की गोरी गोरी चूचियों का मजा ले रहा था। बुआ ने आहें भरते भरते हाथ नीचे ले जाकर लंड को पकड़ कर मसल दिया। मैं इस हमले के लिए तैयार नहीं था सो कसमसा उठा। लंड अकड़ा हुआ था सो थोड़ा दर्द भी हुआ पर मजा भी बहुत आया- बुआ, इसे बाहर निकाल लो ना !

बुआ कुछ नहीं बोली, बस पजामे का नाड़ा पकड़ कर खींच दिया। फिर मुझे अपने ऊपर से थोड़ा उठाया और मेरा पजामा अंडरवियर सहित नीचे खींच दिया। मेरे लंड महाराज पूरे शबाब पर थे। एकदम सर उठाये अकड़ कर खड़े थे।

बुआ ने मेरा लंड हाथ में पकड़ लिया और बोली- राज….. हाय…….कितना बड़ा है तुम्हारा !

मेरा लंड अपनी तारीफ़ सुन कर और ज्यादा अकड़ गया और किसी नटखट बच्चे की तरह ठुनकने लगा। बुआ अपने कोमल कोमल हाथों से लंड को सहलाने लगी।

मैंने पूछा- चूसोगी?

बुआ ने मना कर दिया फिर ना जाने क्या मन किया कि झट से लंड को पकड़ कर मुँह में ले लिया और लॉलीपोप की तरह चूसने लगी। मेरे लिए तो ये एक बिल्कुल नया अनुभव था। बुआ बहुत मस्त चूस रही थी। लंड तो पहले ही फटने को हो रहा था। मैं ज्यादा रोक नहीं कर पाया और बुआ के मुँह में ही झड़ गया। बुआ ने शायद पहले कभी लंड का पानी नहीं चखा था तभी तो बुआ को थोड़ी उबकाई सी आई फिर एक दम से सारा का सारा गटक गई।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: मैंने बुआ चोद दी - by neerathemall - 14-06-2022, 06:00 PM



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