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Adultery कामवासना की तृप्ति
#23
तभी मैंने चूत में दूसरा झटका महसूस किया और इस झटके के साथ ही चूत में लंड जाने का आनंद मुझे मिलने लगा. मेरी प्यासी चूत और ज्यादा चुदासी हो गयी. मेरी हालत को देख कर ज्ञान ने मेरी चूत में एक तीसरा धक्का भी मारा और उनके झांटों तक लंड मेरी चूत में घुस गया.

उन्होंने मेरी चूचियों को भींच कर मुझे जकड़ लिया और नीचे से अपनी गांड को आगे पीछे चलाने लगे. मेरी चूत की चुदाई शुरू हो गयी. मुझे मजा आने लगा.
हम दोनों के मुंह आह्ह … ओह्ह … आह्ह … याह … उफ्फ … आह्ह … अम्म … ओह्ह … करके कामुक आवाजें आने लगीं. बहुत दिनों के बाद चूत ने इतना आनंद महसूस किया था. जैसी कहानियां मैंने उनकी पढी थीं उनसे कहीं ज्यादा मजा चुदाई का मुझे वो दे रहे थे.
पांच मिनट तक भी मैं लंड को संभाल नहीं पाई और मेरी चूत का पानी निकल गया. पानी निकलते ही पूरे हॉल में पच-पच की आवाज होने लगी मगर ज्ञान किसी इंजन की तरह मेरी चूत में लंड को चलाते रहे.
दस मिनट में मैं दो बार झड़ गयी. मेरी वासना तृप्त हो गयी थी और अब चूत में दर्द होने लगा था क्योंकि ज्ञान के लंड के धक्के बहुत ज्यादा तेज थे. फिर भी मजा आ रहा था.
20-25 मिनट तक पराये मर्द से चूत चुदवा कर मेरी चूत को संपूर्ण आनंद की प्राप्ति का अनुभव हुआ. बहुत दिनों के बाद मुझे चुदाई का ऐसा मजा मिला था. मेरी कामवासना पूरी तरह से तृप्त हो गयी थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: कामवासना की तृप्ति - by neerathemall - 14-06-2022, 12:17 PM



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