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Adultery कामवासना की तृप्ति
#20
ञान का लंड मेरे होंठों के छूने से और ज्यादा कड़ा होता चला गया. मैंने उनकी पैंट की जिप को खोल कर अंदर हाथ दिया और उनके लंड को पकड़ लिया. आह्ह … उस हैंडसम जवान मर्द का लंड बहुत ही गर्म था. इतने सालों के बाद मुझे ऐसा लंड छूने का मौका मिला था.

मैंने उनकी पैंट को ऊपर से खोल दिया और नीचे खींचने की कोशिश की. इसी बीच उन्होंने मेरी मैक्सी को ऊपर करके मेरी पैंटी को खींच दिया और मेरी गांड को नंगी करके दबाने लगे.
उनके हाथ मेरी चूत को सहलाने लगी. मैं मदहोश सी होने लगी. मेरा मन उस पराये मर्द का लंड चूसने के लिए कर रहा था. ज्ञान ने मुझे उठाया और मेरी मैक्सी को निकलवा दिया. फिर मेरी ब्रा के ऊपर से मेरी 36 की चूचियों को जोर से दबाया और फिर पीछे हाथ ले जाकर ब्रा को खोल दिया.
ब्रा की कैद से आजाद होते ही चूचियां उछल कर बाहर आ गयीं. ज्ञान ने अपने दोनों हाथों में एक एक चूची को पकड़ लिया और जोर जोर से दबाने लगे. उसके सख्त हाथ मेरी चूचियों में अलग ही उन्माद पैदा करने लगे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: कामवासना की तृप्ति - by neerathemall - 14-06-2022, 12:16 PM



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