14-06-2022, 12:07 PM
चाय का कप अपने होंठों से लगाते हुए मैंने ज्ञान की जांघ पर हाथ रख लिया.
चाय को कप से खींचते हुए उनके होंठ भी मुस्करा दिये. मगर नीचे जीन्स की पैंट में उनके लिंग ने भी अंगड़ाई लेकर ये जता दिया कि औरत के कोमल हाथों में क्या जादू होता है.
इससे पहले की मेरा हाथ उनके लिंग पर जाता उन्होंने पूछ लिया- आपके पति घर पर तो नहीं हैं?
मैंने कहा- अगर होते, तब भी मैं बेशर्मों की तरह गैर मर्द की बांहों में जाने से हिचकती नहीं.
वो बोले- अच्छा जी, इतना पसंद करने लगी हैं क्या आप हमें?
ज्ञान जी की पैंट में आकार ले चुके लंड पर मैंने हाथ से सहलाते हुए कहा- आप ही बेरुखे से हो रहे थे, मैं तो पहले दिन ही चुदने के लिए तैयार थी.
इतने में उन्होंने अपने कप की चाय को खत्म किया और मुझे अपनी ओर खींच कर अपनी गोद में लिटा लिया. वो मेरी आंखों में देखने लगे और उनकी नजर मुझे अंदर तक घायल करने लगी.
दोनों के होंठों को मिलने में देर न लगी. उनके गर्म गर्म होंठों से निकल रही रसीली लार का स्वाद मैं भी अपने मुंह में लेने लगी. इतने सालों में मेरे पति ने कभी मुझे इतने जोश में किस नहीं किया था.
चाय को कप से खींचते हुए उनके होंठ भी मुस्करा दिये. मगर नीचे जीन्स की पैंट में उनके लिंग ने भी अंगड़ाई लेकर ये जता दिया कि औरत के कोमल हाथों में क्या जादू होता है.
इससे पहले की मेरा हाथ उनके लिंग पर जाता उन्होंने पूछ लिया- आपके पति घर पर तो नहीं हैं?
मैंने कहा- अगर होते, तब भी मैं बेशर्मों की तरह गैर मर्द की बांहों में जाने से हिचकती नहीं.
वो बोले- अच्छा जी, इतना पसंद करने लगी हैं क्या आप हमें?
ज्ञान जी की पैंट में आकार ले चुके लंड पर मैंने हाथ से सहलाते हुए कहा- आप ही बेरुखे से हो रहे थे, मैं तो पहले दिन ही चुदने के लिए तैयार थी.
इतने में उन्होंने अपने कप की चाय को खत्म किया और मुझे अपनी ओर खींच कर अपनी गोद में लिटा लिया. वो मेरी आंखों में देखने लगे और उनकी नजर मुझे अंदर तक घायल करने लगी.
दोनों के होंठों को मिलने में देर न लगी. उनके गर्म गर्म होंठों से निकल रही रसीली लार का स्वाद मैं भी अपने मुंह में लेने लगी. इतने सालों में मेरे पति ने कभी मुझे इतने जोश में किस नहीं किया था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.