14-06-2022, 12:03 PM
अगले दिन कॉलेज के बाद हम दोनों फिर उसी जगह मिले और सीधे एक पैथोलॉजी गए। वहां से एच.आई.वी टेस्ट के लिए सैंपल देकर वापिस घर की तरफ चल दिये। मैं रास्ते में यही सोचने लगी कि आज इसे रोकू की न रोकूँ अपने घर क्योंकि एच.आई.वी टेस्ट की रिपोर्ट तो कल आएगी और ज्ञान मुझे तब तक चोदेगा भी नहीं। मुझे कल की तरह फिर से तड़पना पड़ेगा।
इसी उधेड़बुन में घर कब आ गया पता ही नहीं चला। कार से उतरकर मैं गेट खोलने लगी तब तक मेरे पीछे ज्ञान भी आकर खड़ा हो चुका था।
मैंने ध्यान दिया कि उसके हाथ में एक बैग था। सोफे पर बैठते हुए मैंने ज्ञान से बैग के बारे में पूछा।
बैग से एक तेल की बोटल निकालते हुए ज्ञान ने कहा- आज से मेरी सेवाएं शुरू हो चुकी हैं। यह एक ख़ास मसाज ऑयल है।
मुझे समझते देर न लगी कि ये किस तरह का मसाज ऑयल है और किस प्रकार के मसाज की बात कर रहा था लेकिन थोड़ा नादान बनते हुए मैं पूछ पड़ी- इसमे मुझे क्या करना होगा?
ज्ञान- सबसे पहले ये सफेद चादर लीजिये और जिस बेड पर लेटेंगी उस पर लगा दीजिये।
मैंने ज्ञान के कहे अनुसार अच्छे से चादर अपने ही बेडरुम में लगा दी।
ज्ञान- अब आप चेंज कर लें और टॉवल लगाकर बेड पर पेट के बल लेट जाएं।
इतना सुनते ही मैं सबसे पहले वाशरूम में घुस गई। साड़ी के साथ ही पेटीकोट और ब्लाउज को निकाल फेंका। वस्त्र के नाम पर इस वक़्त मेरे बदन पर ब्रा और पैंटी ही बची थी।
इसी उधेड़बुन में घर कब आ गया पता ही नहीं चला। कार से उतरकर मैं गेट खोलने लगी तब तक मेरे पीछे ज्ञान भी आकर खड़ा हो चुका था।
मैंने ध्यान दिया कि उसके हाथ में एक बैग था। सोफे पर बैठते हुए मैंने ज्ञान से बैग के बारे में पूछा।
बैग से एक तेल की बोटल निकालते हुए ज्ञान ने कहा- आज से मेरी सेवाएं शुरू हो चुकी हैं। यह एक ख़ास मसाज ऑयल है।
मुझे समझते देर न लगी कि ये किस तरह का मसाज ऑयल है और किस प्रकार के मसाज की बात कर रहा था लेकिन थोड़ा नादान बनते हुए मैं पूछ पड़ी- इसमे मुझे क्या करना होगा?
ज्ञान- सबसे पहले ये सफेद चादर लीजिये और जिस बेड पर लेटेंगी उस पर लगा दीजिये।
मैंने ज्ञान के कहे अनुसार अच्छे से चादर अपने ही बेडरुम में लगा दी।
ज्ञान- अब आप चेंज कर लें और टॉवल लगाकर बेड पर पेट के बल लेट जाएं।
इतना सुनते ही मैं सबसे पहले वाशरूम में घुस गई। साड़ी के साथ ही पेटीकोट और ब्लाउज को निकाल फेंका। वस्त्र के नाम पर इस वक़्त मेरे बदन पर ब्रा और पैंटी ही बची थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.