14-06-2022, 12:00 PM
मिताली ने अपनी पीठ टाइट कर दी और अपनी गांड थोड़ा ऊपर उठाई। उसने खुद को उस जानवर के हवाले कर दिया। वो अभी भी अपना लंड उसकी सूजी हुई चूत के ऊपर निचे रगड़ रहा था। लेकिन अंदर घुसा नहीं रहा था। मिताली ने निराश होकर एक आह भर दी।
मिताली : प्लीज मुझे इस तरह से ना तड़पाओ ………अंदर घुसा दो ………प्लीज ……………
जावेद : तो फिर मुझे सही शब्दों में बताओ………छिनाल…………किसि रंडी की तरह बताओ
मिताली : मुझे चाहिए की तुम मुझे तुम्हारे इस फौलादी लंड से चोद दो……… प्लीज…………
जावेद : तुम्हे ये सभ्य प्रकार से चाहिए या किसी जंगली की तरह
मिताली : मुझे ये काफी वहशी प्रकार से चाहिए। …………आह्ह्ह्ह……… मै चाहती हूँ की तुम मुझे किसी जानवर की तरह चोदो…… हम्म्म्म………… तुम मुझे तब तक चोदो जब तक चिल्ला चिल्ला कर मेरा बुरा हाल न हो जाये
जावेद: बहुत अच्छा मेरी छीनाल जान। ………… क्या तुम मेरा गीला पानी निकलोगी
मिताली : हाँ …………अभी प्लीज …………तुम्हारा लंड मेरे अंदर डालो ना ………… मै और ज्यादा नहीं रुकूँगी …………प्लीज ………… आह्ह्ह्ह …………
जावेद : ओके जान।
जावेद ने अपना सर झुकाया। और मिताली के बॉडी के ऊपर झुक गया। अपने लंड का सुपाड़ा एक दम चूत के दरवाज़े पर रख दिया। धीरे से झुका और पूरी मोहब्बत से उसने मिताली के होठों को किस किया।
मिताली ने भी उसी नजाकत और मोहब्बत से रिस्पॉन्स दिया। मिताली अब गांड ऊपर की तरफ उठाने लगी ताकि लंड उसकी चूत में घुस जाये। उसने और थोड़ा गांड ऊपर उठाई और वासना के नशे में सिस्कारियां लेने लगी। अब जावेद का लंड धीरे धीरे चूत के अंदर घुसने लगा था।
मित्तली : आह्ह…… आग्ग्ग्ग्गह्ह्ह्ह …………आह…आह …… आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह……… आंगगगग……यस……प्लीज ……स्लो…… अहह
जावेद ने अपनी बॉडी को हाथों के ऊपर ठहरा किया था। वो और अब झुक गया। जावेद भी अब किसि जंगली जानवर की तरह गुर्राने लगा था। वो थोड़ा इंच इंच अपना लंड चूत के अंदर सरकाने लगा। मिताली ने जावेद के कंधो को कसकर लिपटा था। वो अब नाख़ून जावेद की पीठ के अंदर धंसने लगी थी। जावेद का अंदर घुंसना लेकिन जारी रहा। मिताली के चेहरे के भाव अब बदलने लगे थे। मैंने अब तक की जिंदगी में इससे पहले उसके चेहरे पर ऐसे भाव नहीं देखे थे।
अब जावेद का लंड उस एरिये में जा रहा था जिस एरिये में अभी तक कोई लंड नहीं पहुंचा था। क्यूंकि मेरा लंड उस जानवर के लंड के आधा ही था इसलिए मेरा लंड कभी इतना अंदर तक नहीं पहुंचा था। मिताली जिंदगी में पहली बार डबल साइज़ का लंड अंदर ले रही थी।
मिताली : प्लीज मुझे इस तरह से ना तड़पाओ ………अंदर घुसा दो ………प्लीज ……………
जावेद : तो फिर मुझे सही शब्दों में बताओ………छिनाल…………किसि रंडी की तरह बताओ
मिताली : मुझे चाहिए की तुम मुझे तुम्हारे इस फौलादी लंड से चोद दो……… प्लीज…………
जावेद : तुम्हे ये सभ्य प्रकार से चाहिए या किसी जंगली की तरह
मिताली : मुझे ये काफी वहशी प्रकार से चाहिए। …………आह्ह्ह्ह……… मै चाहती हूँ की तुम मुझे किसी जानवर की तरह चोदो…… हम्म्म्म………… तुम मुझे तब तक चोदो जब तक चिल्ला चिल्ला कर मेरा बुरा हाल न हो जाये
जावेद: बहुत अच्छा मेरी छीनाल जान। ………… क्या तुम मेरा गीला पानी निकलोगी
मिताली : हाँ …………अभी प्लीज …………तुम्हारा लंड मेरे अंदर डालो ना ………… मै और ज्यादा नहीं रुकूँगी …………प्लीज ………… आह्ह्ह्ह …………
जावेद : ओके जान।
जावेद ने अपना सर झुकाया। और मिताली के बॉडी के ऊपर झुक गया। अपने लंड का सुपाड़ा एक दम चूत के दरवाज़े पर रख दिया। धीरे से झुका और पूरी मोहब्बत से उसने मिताली के होठों को किस किया।
मिताली ने भी उसी नजाकत और मोहब्बत से रिस्पॉन्स दिया। मिताली अब गांड ऊपर की तरफ उठाने लगी ताकि लंड उसकी चूत में घुस जाये। उसने और थोड़ा गांड ऊपर उठाई और वासना के नशे में सिस्कारियां लेने लगी। अब जावेद का लंड धीरे धीरे चूत के अंदर घुसने लगा था।
मित्तली : आह्ह…… आग्ग्ग्ग्गह्ह्ह्ह …………आह…आह …… आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह……… आंगगगग……यस……प्लीज ……स्लो…… अहह
जावेद ने अपनी बॉडी को हाथों के ऊपर ठहरा किया था। वो और अब झुक गया। जावेद भी अब किसि जंगली जानवर की तरह गुर्राने लगा था। वो थोड़ा इंच इंच अपना लंड चूत के अंदर सरकाने लगा। मिताली ने जावेद के कंधो को कसकर लिपटा था। वो अब नाख़ून जावेद की पीठ के अंदर धंसने लगी थी। जावेद का अंदर घुंसना लेकिन जारी रहा। मिताली के चेहरे के भाव अब बदलने लगे थे। मैंने अब तक की जिंदगी में इससे पहले उसके चेहरे पर ऐसे भाव नहीं देखे थे।
अब जावेद का लंड उस एरिये में जा रहा था जिस एरिये में अभी तक कोई लंड नहीं पहुंचा था। क्यूंकि मेरा लंड उस जानवर के लंड के आधा ही था इसलिए मेरा लंड कभी इतना अंदर तक नहीं पहुंचा था। मिताली जिंदगी में पहली बार डबल साइज़ का लंड अंदर ले रही थी।