14-06-2022, 11:59 AM
जावेद : हे डॉल। क्या तुम्हे मेरा ये ट्रीटमेंट पसंद आया ?
मिताली : येस्स्स्सस....... ये काफी इंटेंस था। इस तरह का आनंद मुझे पहली बार हुआ है।
जावेद : क्या तुमने कभी तुम्हारे पति के साथ ये सब कुछ एन्जॉय किया है ?
मिताली : नहीं, कभी नहीं। उसे जिंदगी का मजा नहीं लेने आता। उसे बस कुछ ही चीज़े पता है। और बाकि चीज़े करने के लिए उसमे ताकत ही नहीं है।
जावेद : तो बताओ मेरे लंड के सामने उसका लंड कैसा है ?
मिताली : मुझे तुम्हारा लंड बहुत पसंद है। मुझे ऐसा लग रहा है जैसा। …… ह्म्म्म्म्.......... जैसा मैंने कोई स्टील का रॉड पकड़ा है।
मिताली : अतुल का लंड रबर की तरह है। वो बस पूरी तरह कचरा है। मुझे उसका लंड कभी पसंद नहीं आया।
जावेद : व्वा जानू। तुम असल में एक रंडी छिनाल हो जो इस तरह की बाते कर रही हो। इसके वजह से मै और भी ज्यादा गर्म हो रहा हु।
मिताली : ह्म्म्म्म्म……… थैंक्स।
जावेद : वो चोदता कैसे है ?
मिताली : उसकी नुन्नी कभी मुझे मेरे चूत के अंदर महसूस ही नहीं हुई। उसकी नुन्नी काफी ढीली थी चूत के अंदर भी वो कड़क नहीं हो पता था। मै बस लेटी रहती और उसके ख़त्म होने का इंतज़ार करती थी।
जावेद : गुड.…… बेबी ……… जारी रखो……और बताओ उसके बारे में
मिताली : (दोनों हाथों से जावेद का लंड मसलते हुए ) उसमे चोदने की शक्ति थी ही नहीं। बिस्तर पर वो पूरी तरह निरुपयोगी छक्का था। मुझे हमेशा से यही लगता था की मै उसके साथ सेक्स क्यों कर रही हूँ। मै उसके साथ हमेशा सेक्स वक्त मन ही मन में तुम्हारे जैसे जंगली मर्दो के बारे में सोचती थी।
जावेद : ह्म्म्म्म……… सुपर…… गो बेबी
मिताली : मुझे ये कभी एहसास ही नहीं हुआ की उसने कब पानी छोड़ दिया। वो पानी भी क्या था उसका वीर्य भी पेशाब की तरह पतला था। और बस १० - १२ बूंदो के बाद वो ठंडा जाता। पूरी तरह बगैर काम का पानी। वो पानी मुझे बच्चा भी न दे सका।
जावेद : ओके जानू। मै काफी ओवरलोड हो चूका हूँ। तुम मेरी अब गर्मी नहीं समझ सकती। बस हुआ। अब मै ज्यादा सहन नहीं कर सकता।
मै इस तरह की रंडीगिरी बाते सुनकर अपमानित हो गया था। अपमान की वजह से मेरी आँखों में आंसू आ गए थे। अगर मिताली मुझसे इससे पहले कह देती तो शायद मै अस्पताल में इलाज करवाता। हमारा भी बच्चा होता लेकिन ये सब उसने मुझसे नहीं कहा। मिताली की बातों में मेरे लिए नफरत थी।
मिताली : येस्स्स्सस....... ये काफी इंटेंस था। इस तरह का आनंद मुझे पहली बार हुआ है।
जावेद : क्या तुमने कभी तुम्हारे पति के साथ ये सब कुछ एन्जॉय किया है ?
मिताली : नहीं, कभी नहीं। उसे जिंदगी का मजा नहीं लेने आता। उसे बस कुछ ही चीज़े पता है। और बाकि चीज़े करने के लिए उसमे ताकत ही नहीं है।
जावेद : तो बताओ मेरे लंड के सामने उसका लंड कैसा है ?
मिताली : मुझे तुम्हारा लंड बहुत पसंद है। मुझे ऐसा लग रहा है जैसा। …… ह्म्म्म्म्.......... जैसा मैंने कोई स्टील का रॉड पकड़ा है।
मिताली : अतुल का लंड रबर की तरह है। वो बस पूरी तरह कचरा है। मुझे उसका लंड कभी पसंद नहीं आया।
जावेद : व्वा जानू। तुम असल में एक रंडी छिनाल हो जो इस तरह की बाते कर रही हो। इसके वजह से मै और भी ज्यादा गर्म हो रहा हु।
मिताली : ह्म्म्म्म्म……… थैंक्स।
जावेद : वो चोदता कैसे है ?
मिताली : उसकी नुन्नी कभी मुझे मेरे चूत के अंदर महसूस ही नहीं हुई। उसकी नुन्नी काफी ढीली थी चूत के अंदर भी वो कड़क नहीं हो पता था। मै बस लेटी रहती और उसके ख़त्म होने का इंतज़ार करती थी।
जावेद : गुड.…… बेबी ……… जारी रखो……और बताओ उसके बारे में
मिताली : (दोनों हाथों से जावेद का लंड मसलते हुए ) उसमे चोदने की शक्ति थी ही नहीं। बिस्तर पर वो पूरी तरह निरुपयोगी छक्का था। मुझे हमेशा से यही लगता था की मै उसके साथ सेक्स क्यों कर रही हूँ। मै उसके साथ हमेशा सेक्स वक्त मन ही मन में तुम्हारे जैसे जंगली मर्दो के बारे में सोचती थी।
जावेद : ह्म्म्म्म……… सुपर…… गो बेबी
मिताली : मुझे ये कभी एहसास ही नहीं हुआ की उसने कब पानी छोड़ दिया। वो पानी भी क्या था उसका वीर्य भी पेशाब की तरह पतला था। और बस १० - १२ बूंदो के बाद वो ठंडा जाता। पूरी तरह बगैर काम का पानी। वो पानी मुझे बच्चा भी न दे सका।
जावेद : ओके जानू। मै काफी ओवरलोड हो चूका हूँ। तुम मेरी अब गर्मी नहीं समझ सकती। बस हुआ। अब मै ज्यादा सहन नहीं कर सकता।
मै इस तरह की रंडीगिरी बाते सुनकर अपमानित हो गया था। अपमान की वजह से मेरी आँखों में आंसू आ गए थे। अगर मिताली मुझसे इससे पहले कह देती तो शायद मै अस्पताल में इलाज करवाता। हमारा भी बच्चा होता लेकिन ये सब उसने मुझसे नहीं कहा। मिताली की बातों में मेरे लिए नफरत थी।