14-06-2022, 11:58 AM
जावेद ने मिताली को खिंचा और ऊपर उठाके उसी रूम के अंदर के एक टेबल पर बिठा दिया। जावेद ने मिताली को फिर उस टेबल के ऊपर सुला दिया और खुद टेबल के बाजु में खड़े होकर सोयी हुई मिताली के नंगे बदन को निहारने लगा और मजे लेने लगा। उस पोसिशन में भी मिताली के मम्मे कड़क और निप्पल खड़े हुए दिख रहे थे। जावेद इस तरह खड़ा था जैसा कोई मसाज करनेवाला मसाज करने के लिए क्लायंट के पास खड़ा होता है।
जावेद मिताली के ऊपर झुका और उसने मिताली को किस करना शुरू किया। पहले माथे पर, फिर होठों पर उसके बाद गर्दन पर चूमते हुए जावेद निचे की तरफ जाने लगा। गर्दन के बाद चूचियों को चूमा उसके बाद मिताली के नाभि को और आखिर में मिताली के ट्रैक पैंट के ऊपर से मिताली की चूत चूमकर जावेद रुका। फिर जावेद के हाथों ने ट्रैक पैंट के ऊपर से ही मिताली की चूत को पकड़ा।
जावेद : जानू, क्या ये मेरे लिए तैयार है ?
मिताली : ह्म्म्म्.......... बहुत ज्यादा……
जावेद : दैट्स ग्रेट जानू।
ये कहते हुए जावेद ने मिताली के पैंट को निचे की तरफ सरकाना शुरू किया। ये देखकर में भी मन निचे निचे जाने लगा। मैं गिर रहा था। मै अपने खुद के सामने ही मेरी बीवी को किसी दूसरे मर्द के हाथों खो रहा था। धोखेबाजी की वजह से जो दर्द मेरे दिल में उभरा था अब वो और भी ज्यादा तीव्र होते जा रहा था। लेकिन इसी वजह से जो भाव मेरे बीवी के चेहरे पर उभरके आ रहा था वो बिलकुल ही अलग था। इस पूर्व समय में मेरी बीवी बस जावेद के लंड को अपने हाथों से मसले जा रही थी।
मिताली की आँखों में अब एक कामुक चमक थी। इतने समय में उसने एक बार भी अपनी नज़रे जावेद के उस हत्यार से नहीं हटाई थी। मेरी बीवी पूरी तरह जावेद के लंड से सम्मोहित हो चुकी थी। और वो जावेद के लंड की तुलना मेरे लैंड से कर रही थी। और कह रही थी की जावेद का लंड देखने के बाद अतुल के नुन्नी को लंड कहना भी योग्य नहीं है।
जावेद ने पूरी तरह मेरी बीवी की ट्रैक पैंट निकल कर फेंक दी। मिताली की कामुक जांघे और बेहतरीन टाँगे अब दिखाई देने लगी थी। वो हर रोज़ एपिलेटर का इस्तेमाल करती और हमेशा अपनी टांगो को वैक्स करती थी। इसलिए वो काफी आकर्षक दिखाई दे रही थी। जावेद उसकी खरदूरी उंगलिया मिताली के टांगो पे फेरने लगा। उसके स्पर्श से होनेवाली गुदगुदी की वजह से मिताली अपनी टांगे खिंच लेती और उसका शरीर हिलने लगता था। जावेद ने मिताली के जांघो पर चूमना शुरू किया साथ ही साथ वो उसकी जांघो को हाथों से मसल भी रहा था।
फिर जावेद अपने हाथ मिताली की चूत के आसपास फेरने लगा लेकिन जानबूझकर उसने मिताली की चूत को टच भी नहीं किया। मिताली अब पूरी तरह गर्म हो चुकी थी उसने जावेद का ये खेल कुछ देर सहन किया लेकिन अब और नहीं। उसने जावेद का हाथ खिंचा और जावेद की हथेली पैंटी के ऊपर से ही अपनी चूत पर रखी और उसने वहां और से दबाया। मिताली ने जावेद का हाथ तब तक दबाकर पकड़ा जब तक उसे पूरी तरह शांति न मिली हो।
जावेद ने भी अब मिताली को चिढ़ाना छोड़ दिया। और उसका चेहरा मिताली की पैंटी के ऊपर ले गया। वहांपर उसने जोर की की सांस ली और वो मिताली के चूत की खुशबु सूंघने लगा। फिर वो उसके होठों से वहांपर चूमने लगा। जिससे मेरी बीवी का जिस्म बड़ी जोरो से धक्के खाने लगा। उसे फिर से उसका ओर्गास्म प्राप्त हो चूका था।
मिताली ने जावेद के बाल पकड़कर उसे खिंचा था और वो अब जावेद का चेहरा चूत पर दबाकर जोरदार सिस्कारियां भर रही थी। अब जावेद के उँगलियों ने धीरे धीरे पैंटी को और खींचना शुरू किया। जिसकी वजह से शर्म और हवस के मारे मिताली का चेहरा गुलाबी हो चूका था।
जावेद मिताली के ऊपर झुका और उसने मिताली को किस करना शुरू किया। पहले माथे पर, फिर होठों पर उसके बाद गर्दन पर चूमते हुए जावेद निचे की तरफ जाने लगा। गर्दन के बाद चूचियों को चूमा उसके बाद मिताली के नाभि को और आखिर में मिताली के ट्रैक पैंट के ऊपर से मिताली की चूत चूमकर जावेद रुका। फिर जावेद के हाथों ने ट्रैक पैंट के ऊपर से ही मिताली की चूत को पकड़ा।
जावेद : जानू, क्या ये मेरे लिए तैयार है ?
मिताली : ह्म्म्म्.......... बहुत ज्यादा……
जावेद : दैट्स ग्रेट जानू।
ये कहते हुए जावेद ने मिताली के पैंट को निचे की तरफ सरकाना शुरू किया। ये देखकर में भी मन निचे निचे जाने लगा। मैं गिर रहा था। मै अपने खुद के सामने ही मेरी बीवी को किसी दूसरे मर्द के हाथों खो रहा था। धोखेबाजी की वजह से जो दर्द मेरे दिल में उभरा था अब वो और भी ज्यादा तीव्र होते जा रहा था। लेकिन इसी वजह से जो भाव मेरे बीवी के चेहरे पर उभरके आ रहा था वो बिलकुल ही अलग था। इस पूर्व समय में मेरी बीवी बस जावेद के लंड को अपने हाथों से मसले जा रही थी।
मिताली की आँखों में अब एक कामुक चमक थी। इतने समय में उसने एक बार भी अपनी नज़रे जावेद के उस हत्यार से नहीं हटाई थी। मेरी बीवी पूरी तरह जावेद के लंड से सम्मोहित हो चुकी थी। और वो जावेद के लंड की तुलना मेरे लैंड से कर रही थी। और कह रही थी की जावेद का लंड देखने के बाद अतुल के नुन्नी को लंड कहना भी योग्य नहीं है।
जावेद ने पूरी तरह मेरी बीवी की ट्रैक पैंट निकल कर फेंक दी। मिताली की कामुक जांघे और बेहतरीन टाँगे अब दिखाई देने लगी थी। वो हर रोज़ एपिलेटर का इस्तेमाल करती और हमेशा अपनी टांगो को वैक्स करती थी। इसलिए वो काफी आकर्षक दिखाई दे रही थी। जावेद उसकी खरदूरी उंगलिया मिताली के टांगो पे फेरने लगा। उसके स्पर्श से होनेवाली गुदगुदी की वजह से मिताली अपनी टांगे खिंच लेती और उसका शरीर हिलने लगता था। जावेद ने मिताली के जांघो पर चूमना शुरू किया साथ ही साथ वो उसकी जांघो को हाथों से मसल भी रहा था।
फिर जावेद अपने हाथ मिताली की चूत के आसपास फेरने लगा लेकिन जानबूझकर उसने मिताली की चूत को टच भी नहीं किया। मिताली अब पूरी तरह गर्म हो चुकी थी उसने जावेद का ये खेल कुछ देर सहन किया लेकिन अब और नहीं। उसने जावेद का हाथ खिंचा और जावेद की हथेली पैंटी के ऊपर से ही अपनी चूत पर रखी और उसने वहां और से दबाया। मिताली ने जावेद का हाथ तब तक दबाकर पकड़ा जब तक उसे पूरी तरह शांति न मिली हो।
जावेद ने भी अब मिताली को चिढ़ाना छोड़ दिया। और उसका चेहरा मिताली की पैंटी के ऊपर ले गया। वहांपर उसने जोर की की सांस ली और वो मिताली के चूत की खुशबु सूंघने लगा। फिर वो उसके होठों से वहांपर चूमने लगा। जिससे मेरी बीवी का जिस्म बड़ी जोरो से धक्के खाने लगा। उसे फिर से उसका ओर्गास्म प्राप्त हो चूका था।
मिताली ने जावेद के बाल पकड़कर उसे खिंचा था और वो अब जावेद का चेहरा चूत पर दबाकर जोरदार सिस्कारियां भर रही थी। अब जावेद के उँगलियों ने धीरे धीरे पैंटी को और खींचना शुरू किया। जिसकी वजह से शर्म और हवस के मारे मिताली का चेहरा गुलाबी हो चूका था।