14-06-2022, 11:53 AM
एक कामरूपी सुन्दरी श्रीमती सिमरन भनोट जी से मुलाकात हुई। आप एक कॉलेज में लेक्चरर हैं। आपकी सुंदरता और सौंदर्य के लिए मेरे उपरोक्त शब्द सटीक भी हैं और कमतर भी हैं। मेरे आग्रह पर आप इस रचना में अपने शब्द देने के लिए राज़ी हुई,
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.