14-06-2022, 11:43 AM
मनीष ने वापस से अपना लंड खींच कर सिर्फ सुपारा मेरी चूत में रख कर वापस एक करारा झटका मार दिया.
उसका लंड मेरी चूत के अंतिम छोर तक घुसता चला गया.
मैं बस कराह कर रह गयी.
मेरे मुँह से बस आहहह … ओह हहह … की आवाजें निकलने लगीं. लेकिन उस पर मेरी कराहों का कोई असर नहीं हो रहा था.
वो बस अपना पूरा लंड निकालता और एक ही झटके में घुसेड़ देता.
उसका लंड सीधा मेरी बच्चेदानी पर चोट कर रहा था.
थोड़ी ही देर में मुझे मजा आने लगा और मैं अपनी टांगें उठा कर उसके लंड का स्वागत करने लगी.
मनीष के झटके बहुत ही जबरदस्त लग रहे थे जिससे थोड़ी ही देर में मेरी चूत पानी छोड़ने लगी.
मैंने अपनी दोनों टांगें उठाकर मनीष की कमर पर लपेट दी और बड़बड़ाने लगी- आहह जानू … मजा आ गया … आह्ह … तेरा लंड … आह्ह … हाय … आह्ह … और जोर से … आह्ह और जोर से!
बस ये सब बोलती हुई मैं झड़ गयी पर उसका अभी नहीं हुआ था.
उसका लंड मेरी चूत के अंतिम छोर तक घुसता चला गया.
मैं बस कराह कर रह गयी.
मेरे मुँह से बस आहहह … ओह हहह … की आवाजें निकलने लगीं. लेकिन उस पर मेरी कराहों का कोई असर नहीं हो रहा था.
वो बस अपना पूरा लंड निकालता और एक ही झटके में घुसेड़ देता.
उसका लंड सीधा मेरी बच्चेदानी पर चोट कर रहा था.
थोड़ी ही देर में मुझे मजा आने लगा और मैं अपनी टांगें उठा कर उसके लंड का स्वागत करने लगी.
मनीष के झटके बहुत ही जबरदस्त लग रहे थे जिससे थोड़ी ही देर में मेरी चूत पानी छोड़ने लगी.
मैंने अपनी दोनों टांगें उठाकर मनीष की कमर पर लपेट दी और बड़बड़ाने लगी- आहह जानू … मजा आ गया … आह्ह … तेरा लंड … आह्ह … हाय … आह्ह … और जोर से … आह्ह और जोर से!
बस ये सब बोलती हुई मैं झड़ गयी पर उसका अभी नहीं हुआ था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.