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शर्मा जी और हम पास पास ही रहते थे। दोनों के ही सरकारी मकान थे। मेरे पति और शर्मा जी ए
#48
मुझे ऐसा लगा कि उसका लंड मेरी बच्चेदानी फाड़ कर अन्दर घुस गया हो.

मेरे मुँह से चीख निकल गयी- ओह्ह ओह्ह मां मर गईईई … आह … कोई तो बचाओ आहह … इस जालिम से.

इस तरह मेरे पति ने मुझे कभी भी नहीं चोदा था.
पर ये तो बड़ा ही बेरहम हो रहा था.

फिर उसने धीमे धीमे धक्के मारना चालू कर दिया.
जिससे मेरी चूत गीली होने लगी और उसके लंड को भी मेरी चूत ने एडजस्ट कर लिया.

मुझे मजा आने लगा लेकिन मेरी टांगें अभी भी नीचे लटक रही थीं.
जिस वजह से मुझे थोड़ी परेशानी हो रही थी.

मैंने उससे इशारे से उसे अपनी परेशानी बतायी हालांकि अभी भी मैं उससे नजर नहीं मिला पा रही थी. आखिर वो मेरी छोटी बहन का पति था.

मेरा इशारा समझ कर मनीष ने एक झटके में अपना लंड मेरी चूत से निकाल लिया और मुझे बेड पर सही से लेटा दिया.
उसने जल्दी से मेरे चूतड़ों के नीचे एक तकिया रख दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: शर्मा जी और हम पास पास ही रहते थे। दोनों के ही सरकारी मकान थे। मेरे पति और शर्मा जी ए - by neerathemall - 14-06-2022, 11:42 AM



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