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Incest सगी बहन के साथ अधूरा सेक्स
#51
दीदी- तू अब सो जा, कल बात करूंगी.

मैं कुछ नहीं बोला और सो गया.

दूसरे दिन मैंने फिर से उंगली की- दीदी क्या सोचा आपने?
दीदी- कुछ नहीं.

मैं- प्लीज़ दीदी सिर्फ एक बार तो करके तो देखने दो न कि कैसा लगता है.
दीदी- ठीक है, लेकिन अभी नहीं, बाद में … अभी मुझे बहुत काम है.

मैं- ठीक है दीदी.
मुझे तो अब पता चल गया था कि आज खुशी दी मुझसे चुद जाएगी.

मैं मेडिकल स्टोर पर गया और देर तक चुदाई करने वाली एक गोली लेकर आ गया.

कुछ देर बाद दीदी का काम हो गया.
इसके बाद दीदी टीवी देख रही थी.

मैं उसके पास गया और उससे बोला- दीदी किस!
वो बोली- ठीक है लेकिन सिर्फ एक बार … और एक शर्त पर कि तू किसी को बोलेगा नहीं.
मैंने बोला- ठीक है.

हम दोनों खड़े हुए और मैंने खुशी को कमर से पकड़ कर अपनी तरफ खींचा.
वो थोड़ी डर गई और उसने आंखें बंद कर लीं.
मैंने फायदा उठाते हुए उसके होंठों पर होंठ रख दिए और किस करना शुरू कर दिया.

एक मिनट बाद वो हट गई.

मैंने उससे कहा- मुझे तो कुछ समझ नहीं आया. आप हट क्यों गईं?
वो बोली- क्या समझ नहीं आया?
मैंने कहा- आप इतनी जल्दी हट गईं, मुझे किस का मतलब ही समझ नहीं आया.

उसे शायद अन्दर तक सनसनी होने लगी थी और अच्छा भी लगा था तो वो फिर से चुम्बन देने के लिए राजी हो गई.

मैं फिर से उसे किस करने लगा.
अब वो भी मुझे किस करने लगी.

मैं उसकी कमर को पकड़ कर सहला रहा था.
कुछ देर में वो गर्म हो गयी और मुझको जोर-जोर से किस करने लगी. मेरे होंठों को काटने लगी.

मैंने मौके का फायदा उठाते हुए उसका टॉप उतार दिया.
इससे पहले कि वो कुछ बोल पाती, मैंने उसको किस करना चालू कर दिया.

कुछ देर बाद मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसके 32 नाप के मम्मों को आजाद कर दिया.
वो खुद अपनी ब्रा को हटा कर मेरे साथ लग गई.

मैं अपनी बहन के मम्मों को बारी बारी से चूसने लगा.
वो भी बड़ी वासना से मेरे मुँह में अपने दोनों दूध ठेलने लगी और मैं उसके चूचुकों को खींच खींच कर मजा लेने लगा.

कुछ देर बाद मैंने उसको उठाया और बेड पर लिटा दिया.
वो टांगें पसार कर चुदने के लिए लेट गई.

मैंने उसके लोवर को उसके शरीर से अलग कर दिया और उसकी पैंटी को भी खींच कर हटा दिया.
मेरी बहन की चूत एकदम सफाचट थी और उसकी चूत से चमकीला पानी बाहर आने लगा था.

मैं उसकी चूत चाटने लगा.
तो वो मेरे सर पर हाथ रख कर चूत उठाने लगी और मादक सिसकारियां लेने लगी- आ हहह आ हहह नीरज रुक जाओ … आहह आह हह!
ऐसा बोलती हुई मेरी बहन झड़ गयी.

मैं भी अब पूरा नंगा हो गया और उससे लंड चूसने को बोला.
उसने लंड चूसने से मना कर दिया.
मैंने भी उसको ज्यादा नहीं कहा.

अब मैं उसके ऊपर लेट गया और उसके एक निप्पल को खींच कर चूसने लगा.
वो गर्म होती गयी और उसकी कामुक सिसकारियां निकलने लगीं ‘आह हहह उमंह उह उम्म आह हह …’

फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया.
वो खुद भी अपनी चूत मेरे लंड पर घिस रही थी.

मैंने बहुत सारा थूक अपने लंड पर लगाया और चूत के अन्दर डालने की कोशिश करने लगा.
उसकी चूत बहुत टाइट थी, तो लंड अन्दर नहीं जा रहा था.

मैंने उसकी गांड के नीचे एक तकिया रख दिया.
इससे उसकी चूत उभर कर ऊपर को उठ गई.

मैंने चूत की फांकों में लंड का सुपारा घिसा और एक जोरदार धक्का दे मारा; मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुसता चला गया.

वो एकदम से चिल्लाने लगी- उई मम्मी रे मर गई … छोड़ मुझे आंह साले मैं मर जाऊंगी … आंह छोड़ दे!
मैं उसको किस करने लगा ताकि उसका दर्द कम हो जाए और आवाज भी न निकले.

कुछ देर बाद उसका दर्द कम हो गया और वो अपनी गांड उठाने लगी.
मैंने धक्के लगाकर पूरा लंड अन्दर कर दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: सगी बहन के साथ अधूरा सेक्स - by neerathemall - 13-06-2022, 05:59 PM



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