13-06-2022, 05:58 PM
री बहन का नाम खुशी है. मैं उससे 3 साल छोटा हूँ. वो 23 साल की है और मैं 20 साल का.
मेरी बहन का कद 4 फुट 9 इंच है. वो कुछ नाटी है. उसका फिगर 32-28-34 का है.
जब वो चलती है, तो उसकी गांड बड़ी मस्त मटकती है.
मुझे अपनी बहन का मादक जिस्म बड़ा लुभाता है.
ये पिछले साल की बात है.
एक दिन मैं अपनी दीदी को ताड़ रहा था.
मैं उसको बहुत दिनों से कामुक नज़रों से देख रहा था.
हम दोनों एक साथ ही सोते थे.
जब रात होती थी और वो गहरी नींद में सो जाती थी तो मैं उसकी गांड पर हाथ फेर देता था; उसके 32 इंच के मम्मों को दबा देता था और सहला देता था.
ऐसा करते हुए मुझे बहुत समय हो गया था.
मुझे भी लगता था कि मेरी बहन मेरी हरकतों को समझने लगी है.
लेकिन मुझे उससे सीधे सीधे चुदाई की बात करने से डर लगता था.
कुछ दिनों बाद मेरी बहन सलवार पहनना छोड़ कर टॉप और लोअर पहनने लगी.
वो उसमें बहुत ही सेक्सी लगती थी.
अपनी टी-शर्ट के अन्दर वो ब्रा नहीं पहनती थी जिससे उसके मम्मे बड़े मस्त उछलते थे.
उसके मम्मों के निप्पल भी उसकी टी-शर्ट के ऊपर से ही नुमाया होते थे जो मुझे बड़े ही उत्तेजक कर देने वाले लगते थे.
मैं कई बार देखता था कि मेरी बहन के लोअर में उसके चूतड़ बिना पैंटी के बड़े ही मादक लगते थे.
जब वो घर का काम कर रही होती थी, तब उसके मम्मों को देखने के लिए मैं उसके आस पास ही मंडराता रहता था.
उसके 32 इंच के दूध देखकर मेरा लंड खड़ा हो जाता था.
मैं मुठ मार कर अपने लौड़े को शांत कर लेता था.
बहुत दिनों तक ऐसे ही चलता रहा.
एक दिन घर पर कोई नहीं था.
उस दिन मम्मी पापा गांव गए हुए थे.
घर पर बस हम दोनों भाई बहन ही थे.
मैंने उस दिन ध्यान दिया कि मेरी बहन ने अपनी टी-शर्ट और लोअर के नीचे ब्रा पैंटी नहीं पहनी हुई थी.
उस दिन मेरी नजर उसके लोअर पर उसकी टांगों के जोड़ पर चली गई.
उधर उसका लोअर गीला हुआ पड़ा था.
मैं समझ गया कि मेरी बहन की चूत कामरस से टपक रही है.
उस वक्त वो मोबाइल में कुछ देख रही थी.
मैंने चुपके उसके पीछे से जाकर देखा तो वो अन्तर्वासना में भाई बहन सेक्स कहानी पढ़ रही थी.
मैं खुद काफी उत्तेजित हो गया.
उस दिन जब वो नहाने गयी तो मैं भी उसको देखने के लिए चला गया.
मैं दरवाजे के पीछे से देखने लगा और मुठ मारने लगा.
उस वक्त वो अपनी चूत में उंगली कर रही थी.
मैं समझ गया कि दीदी को भी अब लंड की जरूरत है.
तो मैं मौके की तलाश में लग गया.
अब मैं उसे जानबूझ कर टच करने लगा, उसके साथ मस्ती करने लगा.
वो भी मेरी हरकतों का मजा लेने लगी.
ये देख कर रात को सोते वक्त सोने का नाटक करते हुए मैं उसे हग करने लगा.
वो भी मेरी टांगों में टांगें फंसा कर सोने लगी.
इस तरह से हम दोनों के बीच सेक्स को लेकर एक मूक सहमति सी बन गई थी.
कुछ दिनों बाद मम्मी पापा फिर से नाना के यहां किसी काम से चले गए.
उस दिन मैंने बड़ी हिम्मत करके दीदी से बात करना शुरू कर दी.
मैंने उससे कहा- खुशी दीदी, आज आप बहुत हॉट लग रही हो.
उसने मुस्कुराते हुए थैंक्यू बोला और किचन में चली गयी.
मैंने किचन में जाकर उससे पूछा- दीदी आपका फिगर बहुत टाइट है और सेक्सी भी. ऐसा आप क्या करती हो?
ये सुनकर उसने मुझ पर गुस्सा किया और कमरे में चली गयी.
रात को खाना खाने के बाद मैंने उससे सॉरी बोला और उससे बातें करने लगा.
वो भी सामान्य हो गई.
मैंने उससे कहा- खुशी दी अगर आप बुरा न मानें, तो मैं एक बात बोलूं?
उसने कहा- हां बोलो?
मैं- क्या मैं आपको एक किस कर सकता हूं?
दीदी- तू पागल हो गया है क्या … किससे क्या बात कर रहा है, ये तुझे पता भी है!
मैं- लेकिन दीदी सिर्फ एक बार करने दो. मुझे भी किस करके देखना है और आपको भी मजा आएगा. किसी को पता भी नहीं चलेगा.
मेरी बहन का कद 4 फुट 9 इंच है. वो कुछ नाटी है. उसका फिगर 32-28-34 का है.
जब वो चलती है, तो उसकी गांड बड़ी मस्त मटकती है.
मुझे अपनी बहन का मादक जिस्म बड़ा लुभाता है.
ये पिछले साल की बात है.
एक दिन मैं अपनी दीदी को ताड़ रहा था.
मैं उसको बहुत दिनों से कामुक नज़रों से देख रहा था.
हम दोनों एक साथ ही सोते थे.
जब रात होती थी और वो गहरी नींद में सो जाती थी तो मैं उसकी गांड पर हाथ फेर देता था; उसके 32 इंच के मम्मों को दबा देता था और सहला देता था.
ऐसा करते हुए मुझे बहुत समय हो गया था.
मुझे भी लगता था कि मेरी बहन मेरी हरकतों को समझने लगी है.
लेकिन मुझे उससे सीधे सीधे चुदाई की बात करने से डर लगता था.
कुछ दिनों बाद मेरी बहन सलवार पहनना छोड़ कर टॉप और लोअर पहनने लगी.
वो उसमें बहुत ही सेक्सी लगती थी.
अपनी टी-शर्ट के अन्दर वो ब्रा नहीं पहनती थी जिससे उसके मम्मे बड़े मस्त उछलते थे.
उसके मम्मों के निप्पल भी उसकी टी-शर्ट के ऊपर से ही नुमाया होते थे जो मुझे बड़े ही उत्तेजक कर देने वाले लगते थे.
मैं कई बार देखता था कि मेरी बहन के लोअर में उसके चूतड़ बिना पैंटी के बड़े ही मादक लगते थे.
जब वो घर का काम कर रही होती थी, तब उसके मम्मों को देखने के लिए मैं उसके आस पास ही मंडराता रहता था.
उसके 32 इंच के दूध देखकर मेरा लंड खड़ा हो जाता था.
मैं मुठ मार कर अपने लौड़े को शांत कर लेता था.
बहुत दिनों तक ऐसे ही चलता रहा.
एक दिन घर पर कोई नहीं था.
उस दिन मम्मी पापा गांव गए हुए थे.
घर पर बस हम दोनों भाई बहन ही थे.
मैंने उस दिन ध्यान दिया कि मेरी बहन ने अपनी टी-शर्ट और लोअर के नीचे ब्रा पैंटी नहीं पहनी हुई थी.
उस दिन मेरी नजर उसके लोअर पर उसकी टांगों के जोड़ पर चली गई.
उधर उसका लोअर गीला हुआ पड़ा था.
मैं समझ गया कि मेरी बहन की चूत कामरस से टपक रही है.
उस वक्त वो मोबाइल में कुछ देख रही थी.
मैंने चुपके उसके पीछे से जाकर देखा तो वो अन्तर्वासना में भाई बहन सेक्स कहानी पढ़ रही थी.
मैं खुद काफी उत्तेजित हो गया.
उस दिन जब वो नहाने गयी तो मैं भी उसको देखने के लिए चला गया.
मैं दरवाजे के पीछे से देखने लगा और मुठ मारने लगा.
उस वक्त वो अपनी चूत में उंगली कर रही थी.
मैं समझ गया कि दीदी को भी अब लंड की जरूरत है.
तो मैं मौके की तलाश में लग गया.
अब मैं उसे जानबूझ कर टच करने लगा, उसके साथ मस्ती करने लगा.
वो भी मेरी हरकतों का मजा लेने लगी.
ये देख कर रात को सोते वक्त सोने का नाटक करते हुए मैं उसे हग करने लगा.
वो भी मेरी टांगों में टांगें फंसा कर सोने लगी.
इस तरह से हम दोनों के बीच सेक्स को लेकर एक मूक सहमति सी बन गई थी.
कुछ दिनों बाद मम्मी पापा फिर से नाना के यहां किसी काम से चले गए.
उस दिन मैंने बड़ी हिम्मत करके दीदी से बात करना शुरू कर दी.
मैंने उससे कहा- खुशी दीदी, आज आप बहुत हॉट लग रही हो.
उसने मुस्कुराते हुए थैंक्यू बोला और किचन में चली गयी.
मैंने किचन में जाकर उससे पूछा- दीदी आपका फिगर बहुत टाइट है और सेक्सी भी. ऐसा आप क्या करती हो?
ये सुनकर उसने मुझ पर गुस्सा किया और कमरे में चली गयी.
रात को खाना खाने के बाद मैंने उससे सॉरी बोला और उससे बातें करने लगा.
वो भी सामान्य हो गई.
मैंने उससे कहा- खुशी दी अगर आप बुरा न मानें, तो मैं एक बात बोलूं?
उसने कहा- हां बोलो?
मैं- क्या मैं आपको एक किस कर सकता हूं?
दीदी- तू पागल हो गया है क्या … किससे क्या बात कर रहा है, ये तुझे पता भी है!
मैं- लेकिन दीदी सिर्फ एक बार करने दो. मुझे भी किस करके देखना है और आपको भी मजा आएगा. किसी को पता भी नहीं चलेगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.