13-06-2022, 11:19 AM
(This post was last modified: 13-06-2022, 11:19 AM by Aryanraaj69. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
ऐसे ही दिन बीत गई।
अगले दिन सुबह ठाकुर अपने आराम कुर्सी पर बैठा चाय पी रहा था तभी हवेली के गेट से चम्पा और उसकी बेटिया सितार और गीता अंदर आती दिखी ये देख ठाकुर की आँखे खुशी से चमक उठी। साथ मे ठाकुर का 9" लम्बा और 2" मोटा लंड झटका मारता है।
चम्पा ठाकुर के पास आकर - प्रणाम मालिक।
ठाकुर एक नजर चम्पा और उसकी बेटियो को देखता है ।। चम्पा लाल रंग के साड़ी मे एक दम कमाल लग रही थी वही उसकी बेटी सीता पीली सलवार कमीज मे और गीता हरी फ्राक मे अपनी मां को भी खुबसूरती मे पीछे छोड़ रही थी।
ठाकुर- कैसी है चम्पा (चम्पा के पुरे बदन को
घुरते हुए) तु तो आज कमाल लग रही है और तेरी बेटीया भी अब बड़ी हो गई है।
चम्पा - सब आपकी मेहरबानी है मालिक।( सीता-गीता से) ठाकुर साहब को प्रणाम करो बेटी।
सीता-गीता- प्रणाम मलिक।
ठाकुर (अपनी चाय की प्याली पास के टेबल पर रखते हुए) खुश रहो बेटा। इधर आव मेरे पास।
ये सुन सीता-गीता अपन मां के तरफ देखती है चम्पा इशारो मे उन दोनो को जाने को बोलती है।
अगले दिन सुबह ठाकुर अपने आराम कुर्सी पर बैठा चाय पी रहा था तभी हवेली के गेट से चम्पा और उसकी बेटिया सितार और गीता अंदर आती दिखी ये देख ठाकुर की आँखे खुशी से चमक उठी। साथ मे ठाकुर का 9" लम्बा और 2" मोटा लंड झटका मारता है।
चम्पा ठाकुर के पास आकर - प्रणाम मालिक।
ठाकुर एक नजर चम्पा और उसकी बेटियो को देखता है ।। चम्पा लाल रंग के साड़ी मे एक दम कमाल लग रही थी वही उसकी बेटी सीता पीली सलवार कमीज मे और गीता हरी फ्राक मे अपनी मां को भी खुबसूरती मे पीछे छोड़ रही थी।
ठाकुर- कैसी है चम्पा (चम्पा के पुरे बदन को
घुरते हुए) तु तो आज कमाल लग रही है और तेरी बेटीया भी अब बड़ी हो गई है।
चम्पा - सब आपकी मेहरबानी है मालिक।( सीता-गीता से) ठाकुर साहब को प्रणाम करो बेटी।
सीता-गीता- प्रणाम मलिक।
ठाकुर (अपनी चाय की प्याली पास के टेबल पर रखते हुए) खुश रहो बेटा। इधर आव मेरे पास।
ये सुन सीता-गीता अपन मां के तरफ देखती है चम्पा इशारो मे उन दोनो को जाने को बोलती है।