12-06-2022, 12:49 PM
चम्पा अच्छे से जानती हैं कि एक बार उसकी बेटिया हवेली चली गई तो ठाकुर उन्हे भी नही छोड़ेगा।।
लेकिन चम्पा के पास और कोई उपाय भी नही था क्योंकी उसके घर की माली हालत बहुत खराब थी पति पूरे समय दारू के नशे मे रहता था दोनो बेटो का भी वही हाल था दोनो पूरे दिन ठाकुर के खेत मे काम करते थे और शाम को सारा पैसा दारू मे बर्बाद कर देते है एक छोटी सी दुकान थी वो भी भगवान भरोसे चलता है।
अभी तक धनसुख और चम्पा का घर ठाकुर के पैसो से चलता है।
इसलिए चम्पा फैसला करती है कि अब जो होगा सो होगा कल से वो और उसकी बेटीया सीता और गीता ठाकुर के हवेली जाएगी काम करने।
इतना सोचते ही चम्पा का बुर ठाकुर के साथ चुदाई का सोच के ही पनीया गई।
इधर धनसुख चम्पा को काफी देर चुप देख बोलता है- क्या सोच रही है चम्पा ।
चम्पा- कुछ नही।
धनसुख- कल से जाएगी ना हवेली।
चम्पा- हा जाना तो पड़ेगा ।
धनसुख- ठीक है।
ये बोल धनसुख वहा से चला जाता है दारू पीने।
चम्पा भी दुकान से उठ कर घर के अंदर चली जाती है और अपनी दोनो बेटियो को आवाज देती है - सीता अरे ओ सीता कहा है
सीता कमरे से निकल कर बोलती है - हा माॅ बोलो
चम्पा - गीता कहा है
सीता - छत पे है माॅ
चम्पा - बलाव उसे
सीता कुछ देर मे गीता को बुला कर चम्पा के पास ले आती है
चम्पा - देखो कल से मै और तुम दोनो हवेली मे काम करने जाए।
ये सुन सीता और गीता सोच मे पर जाती है
(सीता और गीता बिल्कुल अपनी मां पर गई थी गोरा बदन गठिला शरीर
सीता कि उम्र 20 कि थी गोरा रंग लम्बे बाल गहरी आँखे गुलाबी होंठ सुराहीदार गर्दन 32 के चुचे पतली कमर 32 के गांड। कुल मिलाकर एक बेहद ही सुंदर लड़की।
वैसे ही गीता कि उम्र 18 की थी थोड़ी मोटी गोरा बदन बिल्कुल अपनी मां और बहन कि तरह मस्त माल।)
चम्पा- क्या सोच रही हो तुम दोनो।
सीता- कुछ नही मां बस थोड़ी चिन्ता हो रही है
चम्पा - चिन्ता मत करो बेटी बस कल जब हवेली जाव तो ठाकुर साहब जो भी कहे वो करना उनकी कोई भी बात को मना मत करना।।
लेकिन चम्पा के पास और कोई उपाय भी नही था क्योंकी उसके घर की माली हालत बहुत खराब थी पति पूरे समय दारू के नशे मे रहता था दोनो बेटो का भी वही हाल था दोनो पूरे दिन ठाकुर के खेत मे काम करते थे और शाम को सारा पैसा दारू मे बर्बाद कर देते है एक छोटी सी दुकान थी वो भी भगवान भरोसे चलता है।
अभी तक धनसुख और चम्पा का घर ठाकुर के पैसो से चलता है।
इसलिए चम्पा फैसला करती है कि अब जो होगा सो होगा कल से वो और उसकी बेटीया सीता और गीता ठाकुर के हवेली जाएगी काम करने।
इतना सोचते ही चम्पा का बुर ठाकुर के साथ चुदाई का सोच के ही पनीया गई।
इधर धनसुख चम्पा को काफी देर चुप देख बोलता है- क्या सोच रही है चम्पा ।
चम्पा- कुछ नही।
धनसुख- कल से जाएगी ना हवेली।
चम्पा- हा जाना तो पड़ेगा ।
धनसुख- ठीक है।
ये बोल धनसुख वहा से चला जाता है दारू पीने।
चम्पा भी दुकान से उठ कर घर के अंदर चली जाती है और अपनी दोनो बेटियो को आवाज देती है - सीता अरे ओ सीता कहा है
सीता कमरे से निकल कर बोलती है - हा माॅ बोलो
चम्पा - गीता कहा है
सीता - छत पे है माॅ
चम्पा - बलाव उसे
सीता कुछ देर मे गीता को बुला कर चम्पा के पास ले आती है
चम्पा - देखो कल से मै और तुम दोनो हवेली मे काम करने जाए।
ये सुन सीता और गीता सोच मे पर जाती है
(सीता और गीता बिल्कुल अपनी मां पर गई थी गोरा बदन गठिला शरीर
सीता कि उम्र 20 कि थी गोरा रंग लम्बे बाल गहरी आँखे गुलाबी होंठ सुराहीदार गर्दन 32 के चुचे पतली कमर 32 के गांड। कुल मिलाकर एक बेहद ही सुंदर लड़की।
वैसे ही गीता कि उम्र 18 की थी थोड़ी मोटी गोरा बदन बिल्कुल अपनी मां और बहन कि तरह मस्त माल।)
चम्पा- क्या सोच रही हो तुम दोनो।
सीता- कुछ नही मां बस थोड़ी चिन्ता हो रही है
चम्पा - चिन्ता मत करो बेटी बस कल जब हवेली जाव तो ठाकुर साहब जो भी कहे वो करना उनकी कोई भी बात को मना मत करना।।