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Adultery Sauda Ka Faida
#10
परन्तु वह बेकार ही परेशान हो रही थी। अपने नटखट युवा कर्मचारियों के चले जाने के तुरंत बाद, गिल साहब फिर से अपने हंसमुख स्वभाव में वापस आ जाता है। उसे पसीना पसीना होते देख कर वह फ़ौरन समझ गये की कामना बहुत ही घबरायी हुई है। और उसकी डरने की वजह भी उन्हें मालूम है। वह उसे छोड़कर उसके पियक्कड़ पति को संभालने चले गये और उसने उसकी अनुपस्थिति का पूरा फायदा उठाते हुये बेपरवाह अन्य पुरुषों के साथ ऐयाशी करलिए। अब रेंज हाथ पकड़े जाने पर डर से कपकपा रही है। लेकिन वह यह नहीं जानती की उसकी इस नाज़ुक हालत पीछे थोड़ा बहुत उनका भी श्रेय जाता है।

रोहित का बंदोबस्त करने में उनको ज्यादा वक़्त नहीं लगे। दस मिनट के अंदर ही वह सीधा डांस फ्लोर के सामने वापिस आ गये थे। यहां आके देखा की कामना अपनी कमर हिलने के लिए फ्लोर पर उठ चुकी है। उसे कुछ आवारा युवाओं ने घेर लिया है और उसके बहुत ही ज्यादा करीब हो के नाच रहे है। डांस फ्लोर पे अधिक अंधेरा होने की वजह से सब कुछ ठीक तरह से दिखा नहीं। लेकिन उनको शक था की वहां कुछ गड़बड़ हो रहा है। यह अनिवार्य है कि कामना के जैसी दिलकश सुंदरी ऐसी हॉट ड्रेस में एक दल लफंगे को थोड़ा ज्यादा ही उकसा सकती है और उन लोगोंने नाचने के बहाने जरूर उसके साथ कुछ ना कुछ बदतमीजी कर रहे होंगे। फिर भी उसने डांस फ्लोर नहीं छोड़ा। इसका मतलब वह भी मजे ले रही है।

उन्होंने एक वेटर को डांस फ्लोर पर तहक़ीक़ात करने भेजा। दो मिनट में वे वेटर अपनी भयानक रिपोर्ट लेकर वापस आ गया। उनका शक एकदम सही साबित हुआ। वहां माहौल एकदम गंदा हो चूका है। वेटर ने युवा एक बदचलन औरत को इंजीनियरों के एक छोटी सी ग्रुप के साथ बहुत ही शर्मनाक स्थिति में पाया। अंधेरे के आड़ में उन बदमाशों ने उस बेशर्म स्त्री को बहुत ही भद्दे तरीके से छू रहे है और उनको रोकने की बजाय वह हास् हास् कर इस अश्लीलता का लुफ्त उठाते हुये उनको बरवा दे रही है। अगर उन विकृत लोगों को तुरंत नहीं रोका गया, तो परिस्थिति नियंत्रण से बाहर हो जानी है।

लेकिन गिल साहब ने फ़ौरन कुछ नहीं किये। उनको कोई जल्दी नहीं थी। वह और पंद्रह मिनट रुक गये। ऐसे ही जो चल रहा था चलने दिए। उनके लिए यह जानना बहुत ही जरूरी था की अपनी हवस को बुझाने के लिए कामना कित हद तक गिर सकती है। पर वह फ्लोर से उतरने का नाम ही ले नहीं रही थी। वाकई में हालत और ज्यादा बिगड़ ना पाये, इसलिए उन्होंने हस्तक्षेप करने का फैसला किया। वह डीजे के पास गये और उसे एक छोटे से ब्रेक की घोषणा करने के लिए कहा।

अब जब कामना को डरे हुये देख कर उनको दया आयी। उसे तनाव से मुक्त करने के लिए वह मुस्कुराते हुए कहा, "सॉरी डार्लिंग! तुम हमे ज्यादा मिस तो नहीं करे?तुम्हारे पास वापस आने में हमने थोड़ा देर कर दिए। पर क्या करे? अचानक कुछ ज़रूरी काम आ गया था, जिसे हम टाल नहीं सके। और तुम्हारे परम पुज्जे पतिदेव का भी तो हमे बंदोबस्त करना था। उनको हम अपने गेस्ट रूम में टिका दिए। वे अभी बड़े मस्त सो रहे है। और बोलो, और कोई सेवा करना है? या अब हमे भी तुम्हारे साथ डांस करने का मौका मिलेगा?अब यह ना बोलना की उन बंदोरे के साथ उछलकूद के तुम थक गयी। हा हा हा!"

उन्होंने उसे हास् कर छेड़ते ही कामना की जान में जान आयी। वह फौरन राहत की सांस ली। उसे लगा जैसे उसके दिल से कोई भारी बोझ उतर गया हो। उसने हल्का महसूस की और हंसते हुए जवाब दी, "नहीं जी, में ऐसे आसानी से नहीं थकती। मैं बस आप के लिए वार्म उप हो रही थी। आप हुकुम तो करो, स्टेज पर अभी आग लगा देती हूँ।"

और उसने वही कि जो उसने कहा। वह अपने सामर्थ्यवान मददगार का दिल बहलाना करना चाहती थी। म्यूजिक जोर से बज रहा था। लय तेज थे। और वह फ्लोर पर फिरसे आग बरसाने लगी। सच कहे तो वह खुद आग बन गई। और आर.. महाबीर गिल उसकी गर्मी में जल गए। कुछ समय पहले उसने उन युवा ठगों के साथ जो किया उससे वह बहुत शर्मिंदा थी। उसने अपनी शर्मिंदगी छिपाने के लिए कुछ ज्यादा ही मुआवजा दे दिए। डांस फ्लोर पर नाचने के दौरान, उसने अपनी गरम शरीर की रसदार संपत्तियों को उनके मजबूत शरीर पर रगड़ा और दबाया। उसने पैंट के ऊपर से उनकी मरदाना औजार को छूने की भी कोशिश की। फ्लोर पर अंधेरा होने की वजह से उसकी बेहूदापन किसी के भी नजर में नहीं आया।

गिल साहब, हालांकि पूरी तरह से हवस की जकड़ में आ चुके थे, किसी न किसी तरह अपना संयम बनाए रखा। वह एक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं और अपनी सार्वजनिक छवि को नुकसान नहीं पहुंचना नहीं चाहते। उन फुर्तीले इंजीनियरों की तरह वह भी कामना की गरम बदन पर अपना हाथकों सेंकना चाहते थे। लेकिन एक भरी महफ़िल में सबके सामने वह ऐसा करने का जोखिम नहीं उठा सकते। मगर उनकी वासना हर गुजरते पल के साथ असहनीय होने लगा। वह अब और इंतजार नहीं कर सके और बेकरारी में एक दिलेर कदम उठाया। नाचते नाचते वह उनकी ऊपर जान-बूझकर गिरपर रही थी। उन्होंने उसे अपने लपेट में ले लिए और उसकी नरम कमर पकड़ के धीमी तरीके से नाचना शुरू कर दिए। वह भी फिर नहीं उछली। उसे समझ आ गयी की वह अब जाग चुके है और वह अब उसकी सेक्सी भड़कती जिस्म की गर्माहट के लुफ्त उठाना चाहते है। वह फौरन उनकी मज़बूत बाहों में समां गयी। बड़े ही धीमे ताल पर नाचते हुए कुछ देर तक दोनों इक दूसरे के तपती जिस्म से लिपटे रहे। डांस फ्लोर पर लगभग पूर्ण अंधकार ने उस अवैध जोड़ी को दूसरों की गंदी नजरों से बचाये रखा। गिल साहब ने इस सुरक्षा का पूरा लाभ उठाते हुए की कामुक साथी की विलासी बदन पर अपने दोनों हाथों को बड़े आराम से घुमाने लगे और जवाब में वह भी बार बार आहें भर के अपने सुख की घोषणा कर दी। उसका प्रोत्साहन पाकर उन्होंने जल्दी से अपना बायाँ हाथ उसकी पोशाक के नीचे से घुसा दिये और तुरंत चौंक गये। वह उसकी चूत को नग्न पाकर बिल्कुल हैरान रह गये। फिर भी, उन्होंने अपने आपको संभाला और फ़ौरन अपनी दो उंगलियाँ उसकी गर्म चूत के अंदर डाल दीं। नियमित शेव करने से उसकी चूत पर कोई बाल नहीं है और उत्तेजित रहने की वजह से इतनी देर से उत्तेजित रहने की वजह से एकदम गीली भी हो चुकी है। उनकी उंगलियां आसानी से अंदर फिसल गईं। उन्होंने तेजी से उसकी टपकती हुई चूत के अंदर ऊँगली करना चालू कर दिये, जिसकी वजह से उसकी आहें और भी गहरी हो गयी।

कामना अपने नाकाम पति की सहायता करने की उम्मीद लेके पार्टी में आई थी। मगर यहां आने के बाद उसकी इरादे कुछ और ही है। अब बस वह मजे लेना चाहती है। उसे हमेशा से ही सेक्स पसंद था। लेकिन रोहित, जीवन के हर पहलू की तरह, इसमें भी बिलकुल निकम्मा निकले। अगर उसे अपने परिवार का समर्थन मिलता, तो वह उसे तलाक दे देती। संगसार शुरू करने के बाद उसकी जिंदगी से मौज मस्ती उड़ चूका था। इसलिए पार्टी में दुसरो को बहकाने के बदले खुद ही बार बार बहक जा रही थी। अपनी प्यासी तन पर पहले उन नटखट इंजीनियरों का और फिर बाद में खुद प्रभावशाली क्षेत्रीय अधिकारी के असभ्य हाथों का अशालीन स्पर्श पाकर,वह धीरे धीरे बेकाबू होने लगी। जब उन्होंने अपनी उँगलियों से उसकी गर्म छूट पर हमला बोला, तो उसने खुद को पूरी तरह से खो दिया। उसकी कामोद्दीपक बदन पर जैसी की आग ही लग गयी। अब उसे इस गंदे खेल को अगले स्तर पार ले जाना था।
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Sauda Ka Faida - by bharatbarsh47 - 02-06-2022, 09:57 AM
RE: Sauda Ka Faida - by abcturbine - 02-06-2022, 10:41 AM
RE: Sauda Ka Faida - by Eswar P - 02-06-2022, 11:07 AM
RE: Sauda Ka Faida - by bharatbarsh47 - 03-06-2022, 09:48 AM
RE: Sauda Ka Faida - by abcturbine - 03-06-2022, 11:20 AM
RE: Sauda Ka Faida - by bharatbarsh47 - 05-06-2022, 07:12 AM
RE: Sauda Ka Faida - by bharatbarsh47 - 06-06-2022, 12:21 PM
RE: Sauda Ka Faida - by bharatbarsh47 - 08-06-2022, 11:11 AM
RE: Sauda Ka Faida - by Bhikhumumbai - 08-06-2022, 06:22 PM
RE: Sauda Ka Faida - by bharatbarsh47 - 11-06-2022, 09:28 AM
RE: Sauda Ka Faida - by Eswar P - 12-06-2022, 05:01 PM
RE: Sauda Ka Faida - by bharatbarsh47 - 15-06-2022, 07:12 AM
RE: Sauda Ka Faida - by bharatbarsh47 - 18-06-2022, 04:07 PM
RE: Sauda Ka Faida - by bharatbarsh47 - 18-06-2022, 04:08 PM
RE: Sauda Ka Faida - by bharatbarsh47 - 18-06-2022, 04:09 PM
RE: Sauda Ka Faida - by Bhikhumumbai - 18-06-2022, 05:13 PM
RE: Sauda Ka Faida - by bharatbarsh47 - 24-06-2022, 01:31 PM
RE: Sauda Ka Faida - by Bhikhumumbai - 25-06-2022, 03:39 PM
RE: Sauda Ka Faida - by raj500265 - 17-07-2022, 02:29 AM
RE: Sauda Ka Faida - by Eswar P - 17-07-2022, 09:47 PM
RE: Sauda Ka Faida - by Dg1973 - 21-07-2022, 04:28 AM
RE: Sauda Ka Faida - by baba27030 - 22-07-2022, 02:48 PM



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