10-06-2022, 05:23 PM
उसका वही कातिल फिगर जो लगभग 34-32-36 का उस वक्त था, उसने अभी भी मेंटेन करके रखा हुआ था.
मैंने चुप्पी को तोड़ते हुए बातचीत का सिलसिला शुरू किया- अंजलि जी, आपको इतने वर्षों के बाद मिलने पर मुझे बहुत खुशी महसूस हो रही है. आप अभी भी उतनी ही खूबसूरत और हॉट हैं, जितनी आज से 20-22 साल पहले हुआ करती थीं. परंतु आपको इस हाल में देखना भी अच्छा नहीं लग रहा.
अंजलि- पहले तो आप मुझे अंजलि जी कहना बंद कीजिए और दूसरी बात ये कि अब इन हालातों की मुझे आदत सी हो गई है. रही बात मेंटेन करने की, तो नौकरी के बाद खाली समय में करना ही क्या होता है … इसीलिए योगा और मेडिटेशन करती हूं, जिससे मैं अपने आपको फिट रखती हूं.
चाय पानी की औपचारिकता के बाद हमारी बातें आगे बढ़ना शुरू हुईं.
अंजलि के साथ हुई बातचीत को मैं अपनी और उसकी जुबानी लिख रहा हूं.
अंजलि- आप अपने परिवार के बारे में बताइए … कौन-कौन हैं आपके परिवार में?
मैं- मेरे परिवार में मैं, मेरी पत्नी और मेरे दो बच्चे हैं.
अंजलि- अब आप बताइए कि आपका और हमारा क्या रिश्ता है … क्योंकि यह तो मुझे तो यह पता है कि हम दूर के रिश्तेदार हैं. परंतु क्या रिश्ता है यह मुझे नहीं पता.
इससे पहले कि वह कोई और बात करती, मैं बोला- अंजलि जी, हमारा रिश्ता कोई भी हो, लेकिन भाई बहन वाला कोई रिश्ता नहीं है और आज से हम दोस्त हैं.
वह मेरी बात का मतलब तो समझ ही गई थी क्योंकि भगवान ने लड़कियों को सामने वाले की नजरों और बातों का मतलब पता करने की एक अलग सी शक्ति दे रखी है.
मेरी बात पर उसने हंस कर कहा- हां, मुझे भी लगता है कि हमारा रिश्ता भाई बहन वाला नहीं था. आगे भी मुझे पुराना रिश्ता कायम रखने में कोई दिलचस्पी नहीं है.
मैंने कहा- दोस्ती का रिश्ता तो पुराना ही है!
वो बोली- हां वो तो है और आगे भी रहेगा.
फिर इस बात का सिलसिला शुरू हो गया कि मैंने उसे उस समय आगे क्यों नहीं दोस्त बनाया था.
मैंने कहा- यार, उस दिन मैं तुमसे कुछ कहने ही वाला था मगर उसी समय तुमने मुझे अपनी शादी की बात पक्की होने की बात कह दी थी और मैं चुप रह गया था.
ये सुनकर उसकी आंखों में आंसू से आ गए.
मैंने पूछा- आंसू क्यों?....
मैंने चुप्पी को तोड़ते हुए बातचीत का सिलसिला शुरू किया- अंजलि जी, आपको इतने वर्षों के बाद मिलने पर मुझे बहुत खुशी महसूस हो रही है. आप अभी भी उतनी ही खूबसूरत और हॉट हैं, जितनी आज से 20-22 साल पहले हुआ करती थीं. परंतु आपको इस हाल में देखना भी अच्छा नहीं लग रहा.
अंजलि- पहले तो आप मुझे अंजलि जी कहना बंद कीजिए और दूसरी बात ये कि अब इन हालातों की मुझे आदत सी हो गई है. रही बात मेंटेन करने की, तो नौकरी के बाद खाली समय में करना ही क्या होता है … इसीलिए योगा और मेडिटेशन करती हूं, जिससे मैं अपने आपको फिट रखती हूं.
चाय पानी की औपचारिकता के बाद हमारी बातें आगे बढ़ना शुरू हुईं.
अंजलि के साथ हुई बातचीत को मैं अपनी और उसकी जुबानी लिख रहा हूं.
अंजलि- आप अपने परिवार के बारे में बताइए … कौन-कौन हैं आपके परिवार में?
मैं- मेरे परिवार में मैं, मेरी पत्नी और मेरे दो बच्चे हैं.
अंजलि- अब आप बताइए कि आपका और हमारा क्या रिश्ता है … क्योंकि यह तो मुझे तो यह पता है कि हम दूर के रिश्तेदार हैं. परंतु क्या रिश्ता है यह मुझे नहीं पता.
इससे पहले कि वह कोई और बात करती, मैं बोला- अंजलि जी, हमारा रिश्ता कोई भी हो, लेकिन भाई बहन वाला कोई रिश्ता नहीं है और आज से हम दोस्त हैं.
वह मेरी बात का मतलब तो समझ ही गई थी क्योंकि भगवान ने लड़कियों को सामने वाले की नजरों और बातों का मतलब पता करने की एक अलग सी शक्ति दे रखी है.
मेरी बात पर उसने हंस कर कहा- हां, मुझे भी लगता है कि हमारा रिश्ता भाई बहन वाला नहीं था. आगे भी मुझे पुराना रिश्ता कायम रखने में कोई दिलचस्पी नहीं है.
मैंने कहा- दोस्ती का रिश्ता तो पुराना ही है!
वो बोली- हां वो तो है और आगे भी रहेगा.
फिर इस बात का सिलसिला शुरू हो गया कि मैंने उसे उस समय आगे क्यों नहीं दोस्त बनाया था.
मैंने कहा- यार, उस दिन मैं तुमसे कुछ कहने ही वाला था मगर उसी समय तुमने मुझे अपनी शादी की बात पक्की होने की बात कह दी थी और मैं चुप रह गया था.
ये सुनकर उसकी आंखों में आंसू से आ गए.
मैंने पूछा- आंसू क्यों?....
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
