10-06-2022, 05:11 PM
ने उठकर एक कोशिश की और मुझे दरवाजे पर अंदर झाँकने के लिए बहुत सारे छेद मिल गये. अब में वहीं पर खड़ा होकर बुआ के गोरे बदन को निहारने लगा. वाह क्या चीज़ थी मुझे मज़ा आ गया, तने हुए बूब्स, चाटने लायक चमड़ी, मखमली बदन, करारी गांड और बड़े बड़े झांट के बाल और ऊपर से वो पानी मेरे लंड में आग लगा रहा था. अब में वहीं पर बाथरूम के बाहर बुआ को नहाते हुए देखकर मुठ मारने लगा और पांच मिनट के बाद खड़े खड़े पैरों में दर्द होने लगा तो में थोड़ा आराम करने के लिए दरवाजे का सहारा लेकर नीचे बैठ गया और ज़ोर ज़ोर से मुठ मारने लगा और करीब दस सेकण्ड के बाद बाथरूम का दरवाजा अंदर की तरफ खुल गया और में अपनी नंगी बुआ के सामने अपना लंड पकड़कर नीचे बैठा हुआ था और अब में तो शरम के मारे बुआ से आँख भी नहीं मिला पा रहा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.