10-06-2022, 05:11 PM
मैंने अपना चेहरा पूरी तरह से बुआ के दूध में घुसा दिया था और बुआ को कमर से कसकर पकड़ कर रखा था. बुआ बस मेरे बाल सहला रही थी और धीरे धीरे मेरा चेहरा अपने दूध पर दबा रही थी, लेकिन ऐसे जैसे उसको कुछ पता ही ना हो कि क्या हो रहा है? मुझे मेरे चेहरे पर बुआ की ब्रा का एहसास हो रहा था और बुआ के निप्पल कभी मेरी आँख में तो कभी मेरी गालों पर चुभ रहे थे और में फिर जन्नत में था. मुझे बस ऐसा लग रहा था कि में बुआ को गोद में उठा लूँ और उनका पूरा कुर्ता फाड़कर पूरे दूध अपने मुहं में डालकर खा जाऊँ, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं था क्योंकि यह सब काम करीब 10-15 मिनट तक चलता रहा और थोड़ी देर में बुआ के भाई की आवाज़ आने पर में अपने घर चला गया और फिर से वहीं अपने हाथ जगन्नाथ.
दूसरे दिन में फिर से बुआ के घर पर पहुंचा. मैंने बहुत देर तक दरवाजा खटखटाया, लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला तो में उदास होकर जाने लगा, लेकिन तभी बुआ की आवाज़ आई कौन है? तो मैंने तुरंत खुश होकर जवाब दिया और फिर बुआ ने दरवाजा खोल दिया. दोस्तों उस समय बुआ अपने बूब्स के ऊपर केवल टावल लपेटकर सीधा बाथरूम से बाहर आई थी. शायद वो नहाने जा रही थी, लेकिन मेरी वजह से बीच में ही बाहर आ गई थी और अब उनका गोरा बदन मुझे उनकी तरफ आकर्षित कर रहा था. तो में अंदर आ गया और मैंने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया. बुआ नहाने बाथरूम में चली गयी और में टीवी देखने लगा और थोड़ी देर में मेरा मन सोचने लगा कि मुझे बाथरूम में झाँकने का मौका मिल जाए तो मुझे मज़ा आ जाएगा.
दूसरे दिन में फिर से बुआ के घर पर पहुंचा. मैंने बहुत देर तक दरवाजा खटखटाया, लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला तो में उदास होकर जाने लगा, लेकिन तभी बुआ की आवाज़ आई कौन है? तो मैंने तुरंत खुश होकर जवाब दिया और फिर बुआ ने दरवाजा खोल दिया. दोस्तों उस समय बुआ अपने बूब्स के ऊपर केवल टावल लपेटकर सीधा बाथरूम से बाहर आई थी. शायद वो नहाने जा रही थी, लेकिन मेरी वजह से बीच में ही बाहर आ गई थी और अब उनका गोरा बदन मुझे उनकी तरफ आकर्षित कर रहा था. तो में अंदर आ गया और मैंने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया. बुआ नहाने बाथरूम में चली गयी और में टीवी देखने लगा और थोड़ी देर में मेरा मन सोचने लगा कि मुझे बाथरूम में झाँकने का मौका मिल जाए तो मुझे मज़ा आ जाएगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.