10-06-2022, 04:38 PM
मैंने उनकी ठुकाई शुरू कर दी। चूत में धक्के दे देकर चोदने लगा। बुआ जी भी सोफे पर मेरे साथ ही हिलने लगी। मैंने उनकी बायीं टांग को उपर उठा दिया और चूत की तरफ देख देखकर धक्के दिए जा रहा था। दोस्तों कुछ ही देर में उनकी मुनिया रानी (चूत) की दोस्ती मेरे मोटे लम्बे लंड से हो गयी। मैं उनकी बायीं टांग उठा उठाकर गेम बजाने लगा। बुआ जी के दोनों स्तन इधर उधर हिलने लगे और डांस करने लगे। वो मस्त होकर “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” कहने लगी। उनकी आँखे सेक्स की मदहोशी और नशे के कारण कभी खुलती, कभी बंद होती। उनकी हालत बता रही थी की उनको परम और चरम सुख की प्राप्ति हो रही थी। कभी मैं बुआ जी के चेहरे को देखता तो कभी उनकी गद्दीदार नखड़ीली चूत को। आलम बड़ा रंगीन हो गया था। मैं चोदता चला गया। फिर उनकी बायीं टांग को नीचे रखा और दाई को उपर उठा दिया। खूब चोदा और जल्दी जल्दी धक्के देते देते चूत में अपनी क्रीम चूत में ही छोड़ दी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.