10-06-2022, 04:26 PM
(This post was last modified: 10-06-2022, 04:35 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
नकी आँखे कामुक तरीके से कभी बंद होती, कभी खुलती। सेक्स और चुदाई वाले नशे से उनकी आँखे लाल लाल हो गयी। इसी बीच मैंने पहली वाली चूची को छोड़ दिया और दूसरी वाली मुंह में लेकर पीने लगा। क्या गजब के दूध थे दोस्तों। कोई भी मर्द अगर बुआ को इस हालत में देख लेता तो चूत जरुर मारता। मेरे साथ भी ऐसा ही कुछ हो रहा था। दोनों रसीले तने स्तनों का मुंह चूसन करके मैंने बुआ जी को गर्म कर दिया। चुदाई का शोला उनके जिस्म में भड़का दिया।
“आअह्हह्हह…..ईईई…मजा आ गया अन्नू बेटा!! क्या खूब चुसाई की है तूने …ओह्ह्ह्….अई. ….अई….” वो बोली
फिर मेरे गले में दोनों हाथ डालकर नीचे झुका लिया। हम दोनों किसी बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड की तरह फिर से ओंठो पर किस करने लगे। बुआ जी से अपनी साड़ी उतारी। फिर पेटीकोट खोला। अब पिंक ब्रा में मेरे सामने थी। पेंटी तो चूत के रस से डबडबा गयी थी। मैंने भी पेंटी को खींचकर उनको नंगा किया। बुआ ने टाँगे खोल दी। आज लाइफ में पहली बार अपनी बुआ का भोसड़ा देखा। काफी हट्टी कट्टी औरत थी इसलिए भोसड़ा भी 6” लम्बा था। गद्दीदार चूत किसी पाव वाली ब्रेड की तरह फूली थी। दोस्तों आज पहली बार मर्द बनने जा रहा था। कुछ देर उस भोसड़े को देखता रहा। फिर मैं भी सोफे पर ही लेट गया और बुआ जी का भूरा और हल्का कालापन लिए भोसड़ा चाटने लगा। आज तो मुझे तरह तरह की नई नई चीजे देखने को मिल रही थी। कोई स्त्री भीतर से कैसे होती है सब ज्ञान मुझे आज हो रहा था। जीभ लगाकर उनकी चूत चाटने लगा।
“आअह्हह्हह…..ईईई…मजा आ गया अन्नू बेटा!! क्या खूब चुसाई की है तूने …ओह्ह्ह्….अई. ….अई….” वो बोली
फिर मेरे गले में दोनों हाथ डालकर नीचे झुका लिया। हम दोनों किसी बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड की तरह फिर से ओंठो पर किस करने लगे। बुआ जी से अपनी साड़ी उतारी। फिर पेटीकोट खोला। अब पिंक ब्रा में मेरे सामने थी। पेंटी तो चूत के रस से डबडबा गयी थी। मैंने भी पेंटी को खींचकर उनको नंगा किया। बुआ ने टाँगे खोल दी। आज लाइफ में पहली बार अपनी बुआ का भोसड़ा देखा। काफी हट्टी कट्टी औरत थी इसलिए भोसड़ा भी 6” लम्बा था। गद्दीदार चूत किसी पाव वाली ब्रेड की तरह फूली थी। दोस्तों आज पहली बार मर्द बनने जा रहा था। कुछ देर उस भोसड़े को देखता रहा। फिर मैं भी सोफे पर ही लेट गया और बुआ जी का भूरा और हल्का कालापन लिए भोसड़ा चाटने लगा। आज तो मुझे तरह तरह की नई नई चीजे देखने को मिल रही थी। कोई स्त्री भीतर से कैसे होती है सब ज्ञान मुझे आज हो रहा था। जीभ लगाकर उनकी चूत चाटने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.