10-06-2022, 04:13 PM
“वो बुआ जी मैं…मैं… पढने जा ही रहा” मैं बहाने सोच ही रहा था की बुआ ने मुझे बीच में रोक दिया
“बहाने मारने की कोई जरूरत नही है” बुआ जी बोली और मेरे पास आकर बैठ गयी। मेरे लंड को पकड़ लिया और फिर से फेटने लगी। मैंने कुछ नही बोला। क्यूंकि मैं कुछ समझ नही पा रहा था।
“अन्नू बेटे!! आज तू मुठ मत मार। असली वाली चूत को चोद !! बुआ जी बोली फिर मेरे बगल ही बैठ गयी और अपने ब्लाउस के उपर से साड़ी का पल्लू हटा दिया। फिर ब्लाउस की बटन खुद ही खोलने लगी। जैसे जैसे उन्होंने ब्लाउस उतारना शुरू किया उनके सुडौल और सेक्सी जिस्म का दर्शन मुझे होने लगा। ब्लाउस निकल गया। अब बुआ के 36” के दूध पिंक ब्रा में कैद थे जिसमे सफ़ेद रंग की बिंदी बिंदी बनी हुई थी
“बहाने मारने की कोई जरूरत नही है” बुआ जी बोली और मेरे पास आकर बैठ गयी। मेरे लंड को पकड़ लिया और फिर से फेटने लगी। मैंने कुछ नही बोला। क्यूंकि मैं कुछ समझ नही पा रहा था।
“अन्नू बेटे!! आज तू मुठ मत मार। असली वाली चूत को चोद !! बुआ जी बोली फिर मेरे बगल ही बैठ गयी और अपने ब्लाउस के उपर से साड़ी का पल्लू हटा दिया। फिर ब्लाउस की बटन खुद ही खोलने लगी। जैसे जैसे उन्होंने ब्लाउस उतारना शुरू किया उनके सुडौल और सेक्सी जिस्म का दर्शन मुझे होने लगा। ब्लाउस निकल गया। अब बुआ के 36” के दूध पिंक ब्रा में कैद थे जिसमे सफ़ेद रंग की बिंदी बिंदी बनी हुई थी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.