10-06-2022, 04:11 PM
“ओह्ह ….बुआ जी!!” मेरे मुंह से निकला। पर तब तक दोस्तों मैं झड़ने वाला हो गया और खुद को रोक न सका और बुआ के सामने ही मेरे लौड़े से अपनी पिचकारी छोड़ने शुरू कर दी।
“तो सुबह सुबह ये पढ़ाई चल रही है। गरमा गर्म चुदाई और कामशास्त्र वाली पढ़ाई” बुआ जी मेरी हालत बोलकर बोली
दोस्तों शर्म से मैं गीला हो गया और इतनी हिम्मत न थी की अपने हाफ पेंट को उपर खीच लेता। बुआ जी को मेरा लंड और गोलियां दिख गयी।
“तो सुबह सुबह ये पढ़ाई चल रही है। गरमा गर्म चुदाई और कामशास्त्र वाली पढ़ाई” बुआ जी मेरी हालत बोलकर बोली
दोस्तों शर्म से मैं गीला हो गया और इतनी हिम्मत न थी की अपने हाफ पेंट को उपर खीच लेता। बुआ जी को मेरा लंड और गोलियां दिख गयी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.