10-06-2022, 03:04 PM
बुआ ने भी नीचे से अपनी गांड उठाते हुए मेरे लंड का मुकाबला शुरू कर दिया और कहने लगीं- आह और जोर से चोद मादरचोद … भोसड़ी वाले चोद साले … जितनी दम है आज पूरी लगा कर चोद दे.
मैंने भी उनकी गांड में थप्पड़ मारे और लौड़ा चुत की जड़ तक पेलते हुए कहा- ले भैन की लौड़ी साली … चुदक्कड़ ले लंड खा रांड.
अब पूरे रूम में हम दोनों की चुदाई का घमासान शुरू हो गया था. कोई भी हार मानने को राजी नहीं था.
‘फच फचफच … उन्ह आह उह आह ..’ की मादक आवाजें ही सुनाई दे रही थीं.
हम दोनों ने बीस मिनट तक चुदाई की और एक साथ झड़ कर शांत हो गए.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.